चने की भाजी: विंध्य क्षेत्र की सर्दियों की खासियत और स्वास्थ्य लाभ
चने की भाजी का महत्व
मध्य प्रदेश, विशेषकर विंध्य क्षेत्र, देश में चने का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहाँ चने की भाजी सर्दियों में एक विशेष स्वाद के रूप में जानी जाती है। यह मौसमी भाजी रबी सीजन में तब तोड़ी जाती है जब चने के पौधे कोमल होते हैं.
पोषण और उपयोग
विंध्य क्षेत्र में इसे साग, सूखी भाजी या दाल के साथ कई तरीकों से पकाया जाता है। इसकी विशेषता यह है कि कुछ स्थानों पर इसे सुखाकर सालभर के लिए रखा जाता है। आयरन और फाइबर से भरपूर यह हल्की और पोषक भाजी हर उम्र के लोगों को भाती है.
सीमित उपलब्धता और मांग
चने की भाजी सालभर उपलब्ध नहीं होती। यह केवल सर्दियों के सीमित समय में मिलती है, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों में वृद्धि होती है.
स्वास्थ्य लाभ
इस भाजी को पोषण का पावरहाउस माना जाता है, जिसमें प्रोटीन, आयरन, विटामिन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। लोग इसके स्वास्थ्य लाभ के कारण इसे विशेष रूप से खरीदते हैं.
डॉक्टर की राय
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. आलोक अवधिया ने बताया कि सर्दियों में चने की भाजी इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अत्यधिक प्रभावी होती है। यह कम कैलोरी के साथ वजन घटाने में मदद करती है और डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी है.
बीमारियों में लाभ
यह भाजी एक दर्जन से अधिक गंभीर बीमारियों में लाभकारी मानी जाती है। सर्दी-जुकाम, खांसी और वायरल संक्रमण में भी यह राहत देती है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को मजबूत करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है.
अन्य लाभ
चने की भाजी रक्त संचार में सुधार करती है और थकान को कम करती है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है, क्योंकि इसके पोषक तत्व आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं.
त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को निखारते हैं। विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वजन घटाने, तनाव कम करने और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाने में यह भाजी प्रभावी मानी जाती है. सीजनल और पोषक तत्वों से भरपूर यह चने की भाजी इस समय विंध्य क्षेत्र के खेतों और रसोई में अपनी खास उपस्थिति दर्ज करा रही है.