चंपई सोरेन ने आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन का आह्वान किया
आदिवासी महादरबार में चंपई सोरेन का बयान
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को यह आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी समुदाय के प्रति संवेदनहीन है और पेसा (अनुसूचित क्षेत्र का पंचायत विस्तार) अधिनियम को लागू करने की कोई गंभीर इच्छा नहीं रखती।
आदिवासी महादरबार में अपने संबोधन में सोरेन ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने पेसा अधिनियम की समीक्षा की थी और पारंपरिक ग्राम सभा को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कुछ विशेष प्रावधान जोड़े थे, लेकिन वर्तमान सरकार इसे लागू करने में असफल रही है।
उन्होंने आदिवासी समुदाय से अपील की कि वे अपने पूर्वजों जैसे बाबा तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हो, पोटो हो, चांद भैरव और बिरसा मुंडा की तरह अपनी परंपरा, पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट होकर एक नया आंदोलन शुरू करें।