×

चंद्रबाबू नायडू का जगन मोहन रेड्डी पर हमला: हिंसा और बेईमानी का आरोप

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जगन पर हिंसा और बेईमानी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, खासकर एक हालिया घटना के संदर्भ में जिसमें एक व्यक्ति को जगन के काफिले ने कुचल दिया। नायडू ने वाईएसआरसीपी की प्रतिक्रिया की निंदा की और कहा कि उन्होंने घायल व्यक्ति की मदद नहीं की। इस विवाद में स्थानीय पुलिस की सलाह को नजरअंदाज करने का भी जिक्र किया गया है। जानें इस राजनीतिक विवाद के सभी पहलू।
 

मुख्यमंत्री नायडू का बयान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राजनीतिक संस्कृति में हिंसा, बेईमानी और धमकी को बढ़ावा दिया है। मंगलवार को पूर्वी गोदावरी जिले के कोवूर में पेंशन वितरण समारोह के दौरान नायडू ने कहा कि जगन का नेतृत्व मानव जीवन की पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है। यह टिप्पणी उस घटना के बाद आई है, जिसमें जगन के काफिले का एक वाहन 53 वर्षीय सी सिंगय्या को कुचल दिया था। नायडू ने वाईएसआरसीपी के नेताओं की प्रतिक्रिया की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने घायल व्यक्ति की मदद करने के बजाय उसे मरने के लिए छोड़ दिया। 


दुर्घटना के बाद की स्थिति

नायडू ने कहा कि जब कोई दुर्घटना में घायल होता है, तो हमारी प्राथमिकता उसे बचाना होनी चाहिए। लेकिन इसके विपरीत, वाईएसआरसीपी ने उस व्यक्ति के साथ बुरा व्यवहार किया और उसे एक तरफ फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी ने फोरेंसिक साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की है ताकि जांचकर्ताओं को गुमराह किया जा सके। नायडू ने कहा कि अब वे यह दावा कर रहे हैं कि वह व्यक्ति उनकी कार के नीचे नहीं, बल्कि किसी अन्य वाहन के नीचे गिरा। वे फर्जी सबूत तैयार कर रहे हैं, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट और वीडियो स्पष्ट रूप से सच्चाई को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा कि सबूत यह दर्शाते हैं कि यह जगन का वाहन था जिसने व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल किया। 


स्थानीय पुलिस की सलाह

नायडू ने यह भी कहा कि स्थानीय पुलिस ने वाईएसआरसीपी नेताओं को सुरक्षा कारणों से संकरी गलियों में राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित न करने की सलाह दी थी। फिर भी, उन्होंने अपनी ताकत दिखाते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया और उपद्रवियों की तरह व्यवहार किया। पुलिस की संख्या कम थी और उन्होंने उचित स्थान पर बैठक आयोजित करने की सलाह दी, लेकिन वाईएसआरसीपी ने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया। यह राजनीति नहीं, बल्कि गुंडागर्दी है।