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चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले की साजिश में पाकिस्तान और अमेरिका का हाथ: एनआईए की रिपोर्ट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चंडीगढ़ में हुए ग्रेनेड हमले की साजिश में पाकिस्तान और अमेरिका के शामिल होने का खुलासा किया है। चार्जशीट में अभिजोत सिंह नामक आरोपी का जिक्र है, जिसने आर्मेनिया में आतंकवादी समूह से संपर्क किया। एनआईए अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की साजिश के बारे में।
 

एनआईए ने पेश की सप्लीमेंट्री चार्जशीट


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में हुए ग्रेनेड हमले के मामले में एक महत्वपूर्ण आरोपी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की है। इस चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि इस हमले की योजना पाकिस्तान और अमेरिका के तत्वों द्वारा बनाई गई थी। यह हमला बाबर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकवादियों द्वारा किया गया था।


इस मामले में पंजाब के निवासी अभिजोत सिंह, जिसे बाब्बा और गोपी के नाम से भी जाना जाता है, को चार्जशीट में शामिल किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि इस साजिश को पाकिस्तान में स्थित BKI के आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका में रहने वाले गैंगस्टर हैप्पी पासिया ने मिलकर तैयार किया। पासिया ने भारत में भर्ती, फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति का कार्य संभाला था।


एनआईए ने पहले ही रिंदा और पासिया को भगोड़ा घोषित कर दिया है। इसके अलावा, दो अन्य गिरफ्तार आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को भी मार्च 2024 में चार्जशीट किया गया था।


आर्मेनिया में हुई थी मुलाकात

जांच के दौरान यह भी पता चला है कि दिसंबर 2023 में अभिजोत सिंह ने आर्मेनिया की यात्रा की थी, जहां उसकी मुलाकात पासिया के सहयोगी शमशेर शेहरा से हुई। शेहरा ने अभिजोत को पासिया के आतंकवादी समूह में शामिल कराया। भारत लौटने के बाद, जुलाई 2024 में अभिजोत ने एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को निशाना बनाने की योजना बनाई और अगस्त 2024 में रोहन मसीह के साथ मिलकर उसकी हत्या की कोशिश की। इसके लिए उसे विदेश से धन भी प्राप्त हुआ। सितंबर 2024 में रोहन और विशाल ने ग्रेनेड हमले को अंजाम दिया।


एनआईए की खोज जारी

एनआईए अब भी उन अन्य आरोपियों और सहयोगियों की तलाश कर रही है, जिन्होंने इस हमले के लिए लॉजिस्टिक सहायता और हथियार प्रदान किए थे। पुलिस का कहना है कि यह हमला रिटायर्ड पुलिस अधीक्षक जसकीरत सिंह चहल को लक्षित करके किया गया था, जो 1986 में नकोदर में स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) थे। चहल उस समय सेक्टर 10 के एक मकान में रह रहे थे, जो हिमाचल प्रदेश के एक रिटायर्ड प्रिंसिपल केके मल्होत्रा का है।