ग्वालियर के महाराज बाड़ा में अतिक्रमण की समस्या: नगर निगम की कार्रवाई
ग्वालियर का महाराज बाड़ा: पैदल चलना भी चुनौती
ग्वालियर का महाराज बाड़ा, जो शहर का मुख्य केंद्र है, अब पैदल चलने के लिए भी कठिनाई का स्थान बन गया है। यहां से रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन हालात ऐसे हैं कि चलना किसी युद्ध से कम नहीं है।
जब स्वदेश टीम ने गुरुवार को महाराज बाड़ा का दौरा किया, तो दृश्य खुद ही कहानी बयां कर रहा था। नजरबाग और सुभाष मार्केट की ओर जाने वाले रास्ते लगभग बंद थे। फुटपाथ पर दुकानदारों की लंबी कतारें थीं, जिससे लोगों को निकलने में कठिनाई हो रही थी। ठेलों और सामान के फैलाव ने अव्यवस्था का माहौल बना दिया था, जिससे बुजुर्गों और महिलाओं को और भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ग्राहकों की पहुंच में बाधा
स्थायी दुकानदारों का कहना है कि अतिक्रमण के कारण उन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्राहक बाजार के अंदर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। दुकानदारों ने नगर निगम और पुलिस से कई बार शिकायत की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है।
अतिक्रमण की वजह से वसूली का खेल
नजरबाग मार्केट के दुकानदारों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि फुटपाथियों को हटाने में देरी का कारण यह है कि उनसे रोजाना 100 से 150 रुपए की वसूली होती है। इसीलिए कभी-कभी दिखावे की कार्रवाई होती है, लेकिन कुछ ही समय बाद स्थिति फिर से सामान्य हो जाती है।
महाराज बाड़ा के हॉकर्स से रोजाना हजारों रुपए की वसूली होती है, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी व्यवस्थित है कि कोई भी सीधे तौर पर पकड़ में नहीं आता। बताया जाता है कि निगम और पुलिस के कुछ लोग हॉकर्स के बीच से पैसे इकट्ठा करते हैं और ऊपर तक पहुंचाते हैं। इस डर के कारण फुटपाथी दुकानदार खुलकर बोलने से कतराते हैं।
स्थायी दुकानदारों की भी समस्या
यह समस्या केवल फुटपाथियों तक सीमित नहीं है। कुछ स्थायी दुकानदारों ने भी अपने काउंटर को सड़क पर बढ़ा दिया है, जिससे सड़क और भी संकरी हो गई है। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अवैध वसूली का आंकड़ा
फुटपाथियों में इतना डर है कि कोई भी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन उन्होंने दबी जुबान में बताया कि महाराज बाड़ा की सड़क पर बैठने का रेट 100 रुपए और नजरबाग मार्केट के रास्ते पर बैठने का रेट 200 रुपए है। अनुमान है कि रोजाना लगभग 50 हजार रुपए और महीने में 15 लाख रुपए तक की अवैध वसूली हो रही है।
नगर निगम की कार्रवाई
स्वदेश में खबर प्रकाशित होने के बाद, नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले ने महाराज बाड़ा पर बड़ी कार्रवाई की। कार्रवाई की सूचना मिलते ही कई फुटपाथी अपना सामान समेटकर भागने लगे, जिससे थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। अवैध दुकानों, ठेलों और अस्थायी अतिक्रमण को हटाया गया। निगम अधिकारियों ने कहा कि महाराज बाड़ा शहर का सबसे व्यस्त क्षेत्र है और अतिक्रमण के कारण लोगों को लगातार परेशानी हो रही थी। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर जुर्माना और जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है।