ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव साझा करने की तैयारी
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो हाल ही में अंतरिक्ष से लौटे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात में वह अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा करेंगे, जो भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण हैं। शुक्ला ने ISS पर 18 दिन बिताए और कई प्रयोग किए, जिनके परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। जानें उनके अनुभव और गगनयान मिशन के महत्व के बारे में।
Aug 16, 2025, 17:27 IST
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का अवसर
भारत के 21वीं सदी के अंतरिक्ष नायक ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सोमवार को भारत लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में वह अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा करेंगे, जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान, के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे।
अंतरिक्ष से लौटने की खुशी
ग्रुप कैप्टन शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 मिशन के सफल समापन के बाद भारत लौट रहे हैं। उन्होंने विमान में बैठे हुए अपनी मुस्कुराती हुई तस्वीर साझा की और अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह अपने अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करने के लिए उत्सुक हैं।
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'भारत लौटने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई भावनाएं उमड़ रही हैं। मुझे उन अद्भुत लोगों को छोड़कर जाने का दुख है जो इस मिशन के दौरान मेरे दोस्त और परिवार बने।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि यही जिंदगी है, सब कुछ एक साथ।'
शुक्ला ने कमांडर एस्ट्रो पेगी का भी उल्लेख किया, जिन्होंने कहा है कि 'अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र स्थिर चीज परिवर्तन है'। उन्होंने कहा कि यह जीवन पर भी लागू होता है, और उन्हें लगता है कि जीवन एक गाड़ी है जो समय के पहिये पर चलती है।
'गगनयान' मिशन का महत्व
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने पिछले महीने ISS पर 18 दिन बिताए, जहां उन्होंने भारत-विशिष्ट सात प्रयोग किए। इन प्रयोगों की समीक्षा अब भारतीय वैज्ञानिक कर रहे हैं और उनके परिणाम जल्द ही आने की उम्मीद है।
यह मुलाकात विशेष है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्ला से अपने प्रशिक्षण और अंतरिक्ष स्टेशन के अनुभव को एक दस्तावेज के रूप में संकलित करने के लिए कहा था। यह दस्तावेज भारत के महत्वाकांक्षी 'गगनयान' मिशन के लिए एक 'गाइडबुक' का कार्य करेगा।
'गगनयान' का उद्देश्य स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भारतीय धरती से अंतरिक्ष में भेजना है। इस उपलब्धि के साथ, भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसके पास अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान की तकनीक है।