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गौरव गोगोई ने मोदी के मणिपुर दौरे पर उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दौरा दो साल पहले होना चाहिए था। उन्होंने इसे शांति बहाल करने की एक लंबी यात्रा की शुरुआत के रूप में देखा। गोगोई ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति और वहां की जनता की आकांक्षाओं पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके विचार और मणिपुर की राजनीतिक स्थिति पर उनका दृष्टिकोण।
 

प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा: कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा दो साल पहले होना चाहिए था। उन्होंने इसे राज्य में शांति बहाल करने की एक लंबी यात्रा की शुरुआत के रूप में देखने की बात कही।


लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम यह नहीं कह सकते कि मणिपुर में स्थिति सामान्य हो गई है... वहां कोई निर्वाचित सरकार नहीं है।' गोगोई ने यह भी कहा कि मोदी का यह दौरा मणिपुर में शांति, न्याय, मेल-मिलाप और लोकतंत्र की वापसी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


उन्होंने आगे कहा कि जब तक मणिपुर की जनता के बीच रिश्ते नहीं सुधरते और उनकी आकांक्षाएं पूरी नहीं होतीं, तब तक यह उम्मीद की जानी चाहिए कि भाजपा समझेगी कि प्रधानमंत्री का दौरा कोई अंतिम कदम नहीं है, बल्कि एक बहुत देर से शुरू हुई प्रक्रिया है।


गोगोई ने यह भी कहा कि यह दौरा दो साल पहले होना चाहिए था और अब भी कई चुनौतियाँ बाकी हैं। असम कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, 'जैसा कि कहा जाता है, न्याय में देरी का मतलब न्याय से वंचित होना है, मणिपुर की जनता प्रधानमंत्री के दौरे से काफी समय से वंचित रही है।'


उन्होंने उम्मीद जताई कि जब प्रधानमंत्री मणिपुर पहुंचेंगे, तो सबसे पहले वह वहां की जनता से पिछले दो साल में न आने के लिए माफी मांगेंगे। गोगोई ने यह बातें 'इंडिया' गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के साथ मीडिया वार्ता में साझा की।


गोगोई ने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश होने के नाते, रेड्डी असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति से भली-भांति परिचित हैं।