गोवा में 'कामसूत्र फेस्टिवल' का आयोजन रद्द, विरोध के चलते पुलिस ने लिया एक्शन
गोवा में विवादास्पद फेस्टिवल का आयोजन
गोवा में आयोजित होना था फेस्टिवल (सांकेतिक तस्वीर)
गोवा में 'टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल' का आयोजन क्रिसमस वीक के दौरान किया जाना था, लेकिन इसे कई संगठनों ने सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से अनुचित करार दिया। विरोध बढ़ने पर गोवा पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इस कार्यक्रम को रद्द करने का आदेश दिया। यह फेस्टिवल 25 से 28 दिसंबर तक आयोजित होने वाला था।
इस कार्यक्रम का प्रचार रजनीश फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा था, और इसे ओशो लुधियाना मेडिटेशन सोसाइटी से जुड़े स्वामी ध्यान सुमित द्वारा संचालित किया जाना था। इसमें कामसूत्र से संबंधित कथाएं, ध्यान सत्र और वेलनेस गतिविधियों को शामिल किया जाना था, लेकिन इसे क्रिसमस के साथ जोड़ने पर विवाद उत्पन्न हुआ।
NGO की शिकायत पर पुलिस का एक्शन
गोवा में कार्यरत NGO ARZ (Anyay Rahit Zindagi) के संस्थापक अरुण पांडे ने इस फेस्टिवल के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कार्यक्रम गोवा को सेक्स टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में पेश करता है। पांडे ने आरोप लगाया कि कामसूत्र जैसे विषय को धार्मिक पर्व से जोड़ना असंवेदनशील है। इसके बाद उन्होंने गोवा पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
अरुण पांडे की शिकायत के बाद गोवा पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस ने आयोजकों को कार्यक्रम रद्द करने का आदेश दिया और सोशल मीडिया पर सभी प्रचार सामग्री हटाने के लिए कहा। इसके साथ ही, सभी पुलिस थानों को ऐसे आयोजनों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया।
फेस्टिवल के पोस्टर पर विवाद
फेस्टिवल के पोस्टर को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ। पोस्टर में कार्यक्रम स्थल का उल्लेख नहीं था, लेकिन भगवान श्री रजनीश फाउंडेशन का नाम प्रमुखता से दिखाया गया था। स्वामी ध्यान सुमित का नाम और कामसूत्र + क्रिसमस सेलिब्रेशन की मिश्रित थीम ने विवाद को और बढ़ा दिया।
लोगों का कहना था कि धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना अनुचित है। राजनीतिक पार्टियों और स्थानीय संगठनों ने भी इस फेस्टिवल का विरोध किया।