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गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: बिना लाइसेंस के चल रहा था खतरनाक क्लब

गोवा के अरपोरा गांव में स्थित नाइट क्लब अग्निकांड के संबंध में एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि यह क्लब अवैध रूप से संचालित हो रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि क्लब के पास कोई लाइसेंस नहीं था और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। इस घटना में 25 लोगों की जान गई थी। पुलिस ने मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें क्लब के मालिक भी शामिल हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या कदम उठाए गए हैं।
 

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड का खुलासा

गोवा नाइट क्लब


गोवा के अरपोरा गांव में स्थित नाइट क्लब अग्निकांड के संबंध में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है। 'बर्च बाय रोमियो लेन' नामक यह क्लब अवैध रूप से संचालित हो रहा था और इसके पास कोई लाइसेंस नहीं था। स्थानीय पंचायत ने इस संपत्ति को सील करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। यह जानकारी गोवा सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में सामने आई है।


6 दिसंबर को हुए इस अग्निकांड में 25 लोगों की जान गई थी। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नाइट क्लब नमक के मैदान के बीच में अवैध रूप से बनाया गया था और इसे बिना किसी वैध ट्रेड लाइसेंस के चलाया जा रहा था। यह निर्माण कानून के किसी भी प्रावधान के तहत अनुमन्य नहीं था।


जांच रिपोर्ट में नाइट क्लब की स्थिति

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नाइट क्लब बिना किसी कानूनी अनुमति के स्थापित किया गया था। नमक के मैदान को बदलने का कार्य भूमि राजस्व संहिता और तटीय क्षेत्र विनियमों का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया और बाद में इसे सार्वजनिक किया गया।


क्लब का लाइसेंस और पंचायत की भूमिका

अरपोरा-नागोआ ग्राम पंचायत ने 16 दिसंबर 2023 को क्लब को बार और रेस्टोरेंट-कम-नाइटक्लब चलाने का लाइसेंस दिया था, जो 31 मार्च 2024 तक वैध था। हालांकि, इसके बाद लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ, फिर भी क्लब का संचालन जारी रहा। पंचायत ने न तो परिसर को सील किया और न ही संबंधित विभागों को सूचित किया। जांच में यह भी सामने आया है कि पंचायत सचिव और सरपंच के बयानों के आधार पर मालिकों के साथ मिलीभगत की संभावना है।


सुरक्षा मानकों की अनदेखी

रिपोर्ट में लाइसेंस आवेदन में फर्जी जानकारी, आवश्यक दस्तावेजों की कमी और सुरक्षा इंतजामों की अनुपस्थिति का उल्लेख किया गया है। क्लब में बिना सुरक्षा उपायों के आतिशबाजी की गई, जिससे आग लगी। क्लब में फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी थी और इमरजेंसी एग्जिट का अभाव था।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन मालिक शामिल हैं। घटना के बाद सह-मालिक सौरभ और गौरव लुथरा थाईलैंड भाग गए थे, जिन्हें 17 दिसंबर को भारत लाया गया। इस मामले में पांच सरकारी अधिकारियों को निलंबित किया गया है और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।