गोवा के स्वास्थ्य मंत्री का विवादास्पद बयान: डॉक्टर को निलंबित नहीं किया जाएगा
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने एक विवादास्पद घटनाक्रम में घोषणा की है कि गोवा मेडिकल कॉलेज के सीएमओ डॉ. रुद्रेश कुर्तीकर को निलंबित नहीं किया जाएगा। यह निर्णय स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और डॉ. कुर्तीकर के बीच हुई सार्वजनिक बहस के बाद आया है, जिसने चिकित्सा समुदाय में आक्रोश पैदा किया। राणे ने डॉ. कुर्तीकर पर एक मरीज को इंजेक्शन देने से मना करने का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद विभिन्न चिकित्सा संघों ने राणे के व्यवहार की निंदा की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
Jun 9, 2025, 12:34 IST
मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणा
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने रविवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कहा कि गोवा मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) डॉ. रुद्रेश कुर्तीकर को स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के पूर्व आदेशों के बावजूद निलंबित नहीं किया जाएगा। यह निर्णय राणे और डॉ. कुर्तीकर के बीच हुई सार्वजनिक बहस के बाद लिया गया, जिसने राज्य के चिकित्सा समुदाय में भारी आक्रोश उत्पन्न किया। विवाद की शुरुआत 8 जून को हुई, जब स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के दौरान गोवा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां डॉ. कुर्तीकर पर एक मरीज को इंजेक्शन देने से मना करने की शिकायत मिलने पर राणे ने अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों के सामने उन पर तीखा हमला किया।
वीडियो में दिखी तीखी बहस
घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसमें राणे डॉ. कुर्तीकर पर चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैं और उन पर लापरवाही और गैर-पेशेवर व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं। वीडियो में, राणे एक बुजुर्ग महिला को इंजेक्शन देने से मना करने के लिए डॉक्टर को डांटते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने डॉ. कुर्तीकर को आक्रामक तरीके से चेतावनी दी, "आप गरीबों की सेवा करने वाले डॉक्टर हैं... मैं आपको निलंबित कर रहा हूं।" इसके बाद उन्होंने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को आदेश दिया कि डॉक्टर को तुरंत उनके कर्तव्यों से मुक्त किया जाए, यह कहते हुए कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा।
चिकित्सा संघों की प्रतिक्रिया
मंत्री राणे के व्यवहार पर विभिन्न चिकित्सा संघों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (GARD) ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे सार्वजनिक अपमान और डॉक्टर को मनमाने ढंग से निलंबित करने की घटना बताया। एसोसिएशन ने निलंबन आदेश को तुरंत वापस लेने, राणे से सार्वजनिक माफी मांगने और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) गोवा ने भी राणे के व्यवहार की निंदा की और इसे डॉक्टर पर "भावनात्मक हमला" करार दिया। इसके अलावा, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने इस घटना पर अपनी "गहरी पीड़ा" व्यक्त की और राणे पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
मंत्री का बचाव
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री विश्वजीत राणे ने सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक असहाय बुजुर्ग महिला के लिए खड़ा होने का कार्य किया, जिसे कथित तौर पर चिकित्सा देखभाल से वंचित किया गया था। राणे ने कहा, "मैं उस चीज के लिए माफी नहीं मांगूंगा, जो मैंने किया।" उन्होंने स्वीकार किया कि उनका "स्वर और शब्द अधिक संतुलित हो सकते थे", लेकिन यह भी कहा कि देखभाल से इनकार करना अस्वीकार्य था। राणे ने बताया कि महिला सार्वजनिक अवकाश के दिन कैजुअल्टी वार्ड में गई थी, जब ओपीडी बंद था और डॉ. कुर्तिकर ने उसे विटामिन इंजेक्शन देने से मना कर दिया था।