गोल्ड लोन: बैंकों ने नियमों में किया बदलाव, जानें क्या है नया
गोल्ड लोन की नई चुनौतियाँ
गोल्ड लोन लेना होगा मुश्किल!
गोल्ड लोन: यदि आप अपने तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए घर में रखे सोने के गहनों पर लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए निराशाजनक हो सकती है। पहले गोल्ड लोन को नकद प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका माना जाता था, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की चेतावनी के बाद, वित्तीय संस्थानों ने लोन देने के नियमों में सख्ती कर दी है, जिसका सीधा असर लोन की राशि पर पड़ने वाला है.
बैंकों का रुख क्यों बदला?
गोल्ड लोन बाजार में आए इस अचानक बदलाव का मुख्य कारण सोने की कीमतों में हो रहा भारी उतार-चढ़ाव है। RBI ने लेंडर्स को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि बुलियन मार्केट में चल रही अस्थिरता बैंकों की वित्तीय स्थिति के लिए खतरा बन सकती है। इसी सलाह को ध्यान में रखते हुए, जो बैंक पहले आपके सोने की कीमत का 70 से 72 प्रतिशत तक लोन (LTV) आसानी से दे देते थे, उन्होंने अब अपने हाथ खींच लिए हैं। अब यह सीमा घटाकर 60 से 65 प्रतिशत कर दी गई है.
सरल शब्दों में, यदि आप पहले एक लाख रुपये का सोना गिरवी रखते थे, तो आपको 72 हजार रुपये तक मिल जाते थे, लेकिन अब उसी सोने पर आपको शायद 60 से 65 हजार रुपये ही मिलेंगे। यह कदम बैंकों ने अपने रिस्क मैनेजमेंट को मजबूत करने के लिए उठाया है.
सोने की कीमतों में गिरावट का क्या होगा?
बैंकों की चिंता केवल वर्तमान कीमतों को लेकर नहीं है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को लेकर भी है। सोने की कीमतें फिलहाल आसमान छू रही हैं—MCX पर भाव 1.31 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है। लेकिन सवाल यह है कि अगर कल को सोने के दाम 10 से 15 प्रतिशत गिर गए, तो क्या होगा?
बैंकों को डर है कि यदि सोने की वैल्यू गिरती है, तो बकाया लोन की राशि गिरवी रखे गए सोने की कीमत से अधिक हो सकती है। ऐसी स्थिति में, उधारकर्ता लोन चुकाने के बजाय डिफ़ॉल्ट करना बेहतर समझ सकते हैं, क्योंकि उनका गिरवी रखा सोना लोन की रकम से सस्ता हो चुका होगा। यह स्थिति बैंकों की एसेट क्वालिटी पर बड़ा दबाव डाल सकती है और इसी खतरे को भांपते हुए लेंडर्स ने अब ‘फूंक-फूंक कर कदम रखने’ की नीति अपना ली है.
युवाओं में लोन लेने की प्रवृत्ति
आरबीआई और बैंकों की चिंता का एक और बड़ा कारण उधारकर्ताओं की बदलती प्रोफाइल है। आंकड़ों के अनुसार, 21 से 30 साल के युवाओं द्वारा गोल्ड लोन लेने की दर वित्त वर्ष 2021 के बाद से दोगुनी हो गई है। वहीं, 31-40 साल के लोग कुल गोल्ड लोन का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा ले रहे हैं.
परेशानी की बात यह है कि इस पैसे का उपयोग किसी एसेट को बनाने या बिजनेस में लगाने के बजाय ‘कंजम्पशन’ यानी रोजमर्रा की जरूरतों और खर्चों को पूरा करने के लिए हो रहा है। मार्च 2025 के बाद से गोल्ड लोन में साल-दर-साल 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। अक्टूबर 2025 में यह आंकड़ा 3.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इतनी तेज ग्रोथ के बाद, अब इंडस्ट्री ने आक्रामक विस्तार की जगह स्थिरता को चुनना सही समझा है, ताकि माइक्रोफाइनेंस या पर्सनल लोन जैसे पुराने संकटों की पुनरावृत्ति न हो.
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