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गोरखपुर हवाई अड्डे के नए टर्मिनल के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

गोरखपुर हवाई अड्डे के लिए एक नए टर्मिनल के निर्माण हेतु भारतीय वायु सेना और अन्य संबंधित संस्थाओं के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस नए टर्मिनल के निर्माण से हवाई अड्डे की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे उड़ानों की संख्या और यात्री प्रबंधन में सुधार होगा। जानें इस समझौते के महत्व और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
 

गोरखपुर हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल का निर्माण

गोरखपुर हवाई अड्डे के लिए एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण हेतु भारतीय वायु सेना, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और गोरखपुर जिला प्रशासन के बीच मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।


हवाई अड्डे के निदेशक आर. के. पाराशर ने बुधवार को जानकारी दी कि इस समझौते के माध्यम से वायु सेना से 42 एकड़ भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने बताया कि नए टर्मिनल के निर्माण से हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में सुधार की उम्मीद है, जिससे एक साथ 10 विमानों के लिए पार्किंग की सुविधा और लगभग 1,400 कारों के लिए स्थान उपलब्ध होगा।


पाराशर ने आगे बताया कि जब यह टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएगा, तो हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 200 उड़ानें संचालित हो सकेंगी, जबकि वर्तमान में यह संख्या केवल 26 है। इसके अलावा, यात्री प्रबंधन क्षमता 270 से बढ़कर 2500 प्रति घंटा हो जाएगी।


उन्होंने यह भी कहा कि हवाई अड्डे के निकट स्थित यह भूमि वर्तमान में सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के अधीन है, और नए निर्माण के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे को स्थानांतरित किया जाएगा। नया टर्मिनल बनने से हवाई अड्डे पर परिचालन में भी आसानी होगी।