×

गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या के मामले में आरोपी रहीम का एनकाउंटर

गोरखपुर में NEET छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के मामले में आरोपी रहीम का एनकाउंटर हुआ है। पुलिस ने बताया कि रहीम और उसके दो साथी पुलिस पर फायरिंग करते हुए भाग रहे थे। घटना के बाद से पुलिस ने चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है। दीपक के परिवार का आरोप है कि उसकी मौत गोली लगने से हुई, जबकि पुलिस का कहना है कि वह सिर पर चोट लगने से मरा। इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
 

गोरखपुर में पुलिस का ऑपरेशन


गोरखपुर और कुशीनगर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में एक अपराधी रहीम का एनकाउंटर किया है, जिसमें उसे पैर में गोली लगी और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के अनुसार, रहीम, छोटू और राजू नामक तीन बदमाश पुलिस पर फायरिंग करते हुए भाग रहे थे।


पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया। एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि घटना की रात पिपराइच थाना क्षेत्र के महुआचाफी गांव में ग्रामीणों ने एक पशु तस्कर को पकड़ा, जिसकी पहचान बिहार के गोपालगंज के अजब हुसैन के रूप में हुई है। अब तक इस मामले में चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है.



पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किया गया रहीम एक तस्कर है और दीपक गुप्ता की हत्या में उसका हाथ था। पुलिस उसकी लगातार तलाश कर रही थी। जानकारी मिलते ही पिपराइज और कुशीनगर पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया। रहीम कुशीनगर के दुर्गपट्टी क्षेत्र का निवासी है और पहले भी गो तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है.


घटना का विवरण

15 सितंबर की रात करीब 12:30 बजे, जब तस्कर तीन गाड़ियों में गांव पहुंचे थे, तो ग्रामीणों ने शोर मचाया। दीपक भी बाहर आया और तस्करों के पीछे दौड़ा। तस्करों ने उसे पकड़कर डीसीएम गाड़ी में डाल दिया और करीब आधे घंटे बाद सरैया गांव के पास फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।


परिवार का आरोप

दीपक के परिवार का कहना है कि तस्करों ने उसके मुंह में गोली मारी थी, जबकि पुलिस का दावा है कि उसकी मौत सिर पर चोट लगने से हुई। मेडिकल रिपोर्ट भी इसी बात की पुष्टि करती है। हालांकि, दीपक के परिजन इस बात पर अड़े हुए हैं कि उसकी मौत गोली लगने से हुई।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

गोरखपुर एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने कहा कि यह सब पहले से तय था और एनकाउंटर से कानून व्यवस्था में सुधार नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है।


दीपक के चाचा सुरेंद्र गुप्ता ने प्रशासन को चुनौती दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने केवल खानापूर्ति की है और असली दोषी पूरे थाने के लोग हैं।