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गुरु नानक जयंती 2025: प्रकाश पर्व का महत्व और उत्सव की तैयारी

गुरु नानक जयंती 2025, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती है। यह पर्व समानता, प्रेम और सेवा का प्रतीक है। इस दिन विशेष धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं को याद करने का यह अवसर श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस पर्व के महत्व और इसे मनाने के तरीकों के बारे में।
 

गुरु नानक जयंती 2025

गुरु नानक जयंती 2025

गुरु नानक जयंती 2025: सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. यह त्योहार सिख समुदाय के लिए समानता, प्रेम और सेवा का प्रतीक है, जिसेगुरुपर्वयाप्रकाश पर्वभी कहा जाता है. सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी की जयंती को पूरे विश्व मेंगुरुपर्वयाप्रकाश पर्वके रूप में बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार सिख समुदाय के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है, जो उनके जीवन और शिक्षाओं को याद करने का अवसर प्रदान करता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है. यह खास तिथि गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस की स्मृति में मनाई जाती है.


गुरु नानक जयंती कब है?

कब है गुरु नानक जयंती? (Guru Nanak Jayanti 2025)

पंचांग के अनुसार, हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच में आने वाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाती है. इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को 10 बजकर 36 मिनट पर रहेगी वहीं इस तिथि का समापन 5 नवंबर को 6 बजकर 48 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल गुरु नानक देव की जयंती 5 नवंबर को मनाई जाएगी. इस बार गुरु नानक देव की 556वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी.


प्रकाश पर्व का महत्व

प्रकाश पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाया जाता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा वर्ष 1469 को हुआ था. तभी से लेकर आज तक हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनका प्रकाश पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हालाँकि, कुछ लोगों का मानना है कि गुरु जी का जन्म अप्रैल महीने में हुआ था. लेकिन सिख संगठन इसेकट्टाक‘ (कार्तिक) महीने में ही मनाते हैं और इस दिन को गुरु जी के ज्ञान के प्रकाश फैलने के प्रतीक के रूप में देखते हैं, इसलिए इसेप्रकाश पर्वकहा जाता है.


प्रकाश पर्व कैसे मनाया जाता है?

कैसे मनाया जाता है प्रकाश पर्व?

अखंड पाठ साहिब: प्रकाश पर्व से दो दिन पहलेअखंड पाठ साहिबमनाया जाता है, जिसमें 48 घंटे तक लगातार गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है. यह पाठ गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के दिन समाप्त होता है.

नगर कीर्तन: इस दिन नगर कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें सिख समुदाय के लोग शबद-कीर्तन गाते हैं. एक सजे हुए नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में रखा जाता है.

कीर्तन और प्रवचन: सभी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. कीर्तन और प्रवचन होते हैं, जहाँ गुरु नानक देव जी के उपदेशों और जीवन गाथा का वर्णन किया जाता है, जिससे श्रद्धालु प्रेरणा प्राप्त करते हैं.

लंगर का आयोजन: इस दिन गुरुद्वारों में विशेष लंगर (मुफ्त भोजन) का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी धर्मों और जातियों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं. लंगर का उद्देश्य समानता और भाईचारे का संदेश देना है.

सेवा और दान: श्रद्धालु सेवा, दान और दान-पुण्य भी करते हैं, जैसे गरीबों को भोजन कराना और समाज सेवा से जुड़े कार्य करना.

रोशनी: इस अवसर पर घरों में दीप जलाए जाते हैं और सभी गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है, जो ज्ञान केप्रकाश पर्वका प्रतीक है.


गुरुपर्व का धार्मिक महत्व

गुरुपर्व का धार्मिक महत्व

गुरु नानक साहिब की जयंती सिख धर्म में समानता, प्रेम और सेवा का प्रतीक है. इस दिन, संगत कीर्तन गाकर, अखंड पाठ का आनंद लेकर और लंगर परोसकर उनकी शिक्षाओं को याद करती है और सेवा, दान और ईश्वर की भक्ति के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लेती है. गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व का महत्व सिख धर्म के प्रथम गुरु के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करना है. गुरु नानक देव जी ने हमेशा समानता, प्रेम, सेवा और ईमानदारी के सिद्धांतों पर ज़ोर दिया. इस दिन, लोग जाति और धर्म की परवाह किए बिना सभी के प्रति भाईचारे और सहिष्णुता की भावना अपनाने का संकल्प लेते हैं.