गुजरात सरकार के राजस्व सुधारों से सुशासन में वृद्धि
गुजरात में सुशासन के लिए राजस्व सुधार
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, गुजरात सरकार ने प्रभावी सेवा वितरण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक राजस्व सुधारों को लागू किया है। इन सुधारों का उद्देश्य पारदर्शी, सरल और तकनीकी रूप से सक्षम प्रशासन के माध्यम से सुशासन का मानक स्थापित करना है। परिणामस्वरूप, राज्य के किसानों, उद्योगों और विकास परियोजनाओं के लिए ये सुधार लाभकारी साबित हुए हैं। भूमि पंजीकरण और गैर-कृषि अनुमतियों की प्रक्रियाओं को सरल बनाकर, पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया है, जिससे गुजरात सुशासन का एक आदर्श उदाहरण बन गया है। इन सुधारों ने राज्य के विकास को नई गति दी है, जिससे व्यापार और जीवन यापन में सुगमता में वृद्धि हुई है।
डिजिटल शासन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, राजस्व विभाग ने डिजिटल शासन को बढ़ावा दिया है। ई-धारा जैसे प्लेटफार्मों को मजबूत किया गया है, जिससे भूमि अभिलेखों की सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित की जा सके। इसके परिणामस्वरूप, भूमि विवादों में कमी आई है। गैर-कृषि अनुमति प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया गया है, जिससे समय और लागत में कमी आई है। इससे उद्योगों को लाभ हुआ है और किसानों के हितों की रक्षा की गई है। डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत, 34 जिलों में भूमि मापन और पुनर्सर्वेक्षण कार्यों ने भूमि विवादों को कम किया है और किसानों को ऋण, फसल बीमा और सरकारी सहायता प्राप्त करने में मदद की है।
iORA पोर्टल की सफलता
iORA पोर्टल पर 17.9 लाख से अधिक आवेदनों का निपटारा किया गया है। भूमि आवंटन सुधारों के तहत, इस पोर्टल ने नागरिकों के लिए त्वरित और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। 7/12 राजस्व अभिलेखों के अलावा, वर्षाई अभिलेख, गैर-कृषि अनुमति और भूमि मापन जैसी 36 से अधिक सेवाएं iORA पोर्टल के माध्यम से घर बैठे प्राप्त की जा सकती हैं। 2022 से 18 दिसंबर 2025 तक, इस पोर्टल पर 36 सेवाओं के अंतर्गत 17.9 लाख से अधिक आवेदनों का निपटारा किया गया है, जिससे सेवा वितरण में पारदर्शिता बढ़ी है। iORA फीडबैक सेंटर ने 40,799 कॉलों का जवाब दिया है।