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गुजरात में राज ठाकरे के खिलाफ कांग्रेस और आप का विरोध

गुजरात में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और पाटीदार नेताओं ने राज ठाकरे की विवादास्पद टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे के गुजरात में प्रवेश पर रोक लगाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। इस राजनीतिक विवाद ने राज्य में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें ठाकरे के बयान और उनके प्रभाव पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जानें इस मुद्दे की पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
 

राज ठाकरे पर निशाना

गुजरात में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और पाटीदार नेताओं ने रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे पर सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बारे में की गई टिप्पणियों को लेकर हमला बोला।


इन नेताओं ने ठाकरे के गुजरात में प्रवेश पर रोक लगाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। शुक्रवार को ठाणे जिले में एक रैली में ठाकरे ने कहा था कि जब बिहार के प्रवासियों को गुजरात में ‘पीटा और भगाया’ गया, तब यह कोई मुद्दा नहीं बना, लेकिन महाराष्ट्र में एक छोटी सी घटना को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया गया।


उन्होंने स्वतंत्रता के बाद मोरारजी देसाई और सरदार पटेल के कथित मराठी विरोधी दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया। पिछले कुछ समय से मनसे कार्यकर्ता जोर देकर कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों को मराठी सीखना चाहिए। उन्होंने कुछ दुकानदारों पर कथित तौर पर हमला भी किया, जब उन्होंने मराठी में जवाब नहीं दिया।


गुजरात कांग्रेस के नए अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा, ‘अगर आप गुजरात की धरती पर राजनीति करेंगे, तो आपको जवाब मिलेगा।’ आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने कहा कि गुजराती लोग ठाकरे की टिप्पणियों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।


उन्होंने आगे कहा, ‘आपकी राजनीति सफल नहीं हो रही है, इसलिए आप न केवल गुजराती लोगों का बल्कि पूरे देश के नेता सरदार पटेल का अपमान कर रहे हैं।’ ‘आप’ नेता ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अपील की।


पाटीदार नेता मनोज पनारा ने मोरबी शहर में पुलिस को एक आवेदन देकर ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने और उनके गुजरात में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की।