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गुजरात में नाबालिग द्वारा दो हत्याओं का दिल दहला देने वाला मामला

गुजरात के शोभावदला गांव में एक 15 वर्षीय लड़के ने अपने बड़े भाई और गर्भवती भाभी की हत्या कर दी। इस घटना में आरोपी ने भाभी के साथ बलात्कार किया और उसके गर्भ को नुकसान पहुँचाया। घटना के खुलासे में 16 दिन लगे, जब मृत महिला के माता-पिता ने अपने बेटे-बहू से संपर्क न होने पर जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और यह मामला पूरे गुजरात में चर्चा का विषय बन गया है।
 

गुजरात के शोभावदला में हुई खौफनाक घटना

गुजरात के जूनागढ़ जिले के शोभावदला गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 15 वर्षीय लड़के ने अपने बड़े भाई और गर्भवती भाभी की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना में, आरोपी ने भाभी के साथ बलात्कार किया और उसके पेट पर इतनी जोर से लात मारी कि गर्भपात हो गया। यह वारदात 16 अक्टूबर को हुई, लेकिन इसका खुलासा 31 अक्टूबर को हुआ। आरोपी ने दोनों के नग्न शव को घर में दफना दिया और सबूत मिटाने के लिए कपड़ों में आग लगा दी। हैरानी की बात यह है कि उसकी मां ने भी इस कार्य में उसका साथ दिया।


भाई पर हमला और भाभी का गला घोंटना

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। जांच में यह सामने आया कि उसे शराब की लत थी, जिसके कारण घर में अक्सर झगड़े होते थे। बड़ा भाई उसे नशा छोड़ने की सलाह देता था, जिससे वह उससे नफरत करने लगा। 16 अक्टूबर की सुबह, जब उसका भाई सो रहा था, आरोपी ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया। भाई की हत्या के बाद, वह भाभी के पास गया। पति की चीख सुनकर भाभी, कंचन कुमारी (19), कमरे में आई और पति को खून में लथपथ देखा। उसने अपनी जान बचाने की गुहार लगाई, लेकिन आरोपी ने उसकी एक न सुनी।


भाभी के साथ बलात्कार और हत्या, मां ने सबूत मिटाए

आरोपी ने भाभी के साथ बलात्कार किया और फिर उसके गले को घुटने से दबाकर हत्या कर दी। इस हमले के कारण भाभी के गर्भ से 6 महीने का भ्रूण बाहर आ गया। इसके बाद, उसने घर में 5 फुट गहरा गड्ढा खोदा और भाई शिवमगिरी (22) और भाभी के शव को दफना दिया। कपड़ों को आग लगा दी और खून के धब्बे साफ कर दिए। पुलिस का कहना है कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि घटना के समय आरोपी की मां वहां मौजूद नहीं थी, लेकिन उसने बाद में सबूत मिटाने में बेटे की मदद की।


परिवार का बिहार से संबंध, मां साध्वी की तरह जीती थी

आरोपी का परिवार मूल रूप से बिहार का निवासी है और पिछले 28 वर्षों से शोभावदला गांव के खोडियार आश्रम में रह रहा था। आरोपी के पिता की कोरोना महामारी में मृत्यु हो चुकी थी। पिता की मौत के बाद, मां विभाबेन साध्वी की तरह जीवन जी रही थीं। शिवमगिरी इलेक्ट्रीशियन का काम करता था, जबकि नाबालिग आश्रम की देखभाल और गोशाला में गायों की सेवा करता था।


16 दिन बाद कैसे खुला राज?

मृत महिला के माता-पिता अपनी बेटी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। दिवाली के दौरान जब उनकी बेटी और दामाद से बात नहीं हो पाई, तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने आरोपी को फोन किया, लेकिन वह हर बार बहाने बनाकर बात टाल देता था। बाद में उसकी मां ने दावा किया कि उनके बेटे और बहू की हिम्मतनगर के पास सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। जब माता-पिता ने हादसे की तस्वीरें या दस्तावेज मांगे, तो जवाब टाल दिया गया। शक गहराने पर वे बिहार के खगड़िया से गुजरात पहुंचे और छानबीन शुरू की। पुलिस ने बताया कि हिम्मतनगर में ऐसा कोई हादसा दर्ज नहीं था। अंततः, 31 अक्टूबर को पुलिस आश्रम पहुंची और घर के पीछे से तीनों शव (पति, पत्नी और नवजात) सड़ी-गली हालत में बरामद किए।


पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार किया

पुलिस ने नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी मां से भी पूछताछ चल रही है। यह घटना न केवल जूनागढ़ बल्कि पूरे गुजरात में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात से हैरान हैं कि इतनी कम उम्र का लड़का इतना जघन्य अपराध कैसे कर सकता है।