गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित परीक्षा पे चर्चा: मोदी की अनूठी पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पे चर्चा पहल को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से मान्यता मिली है। यह कार्यक्रम 2018 से MyGov के सहयोग से चल रहा है और हाल ही में 3.53 करोड़ पंजीकरणों के साथ एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद को बढ़ावा देना है, जिससे परीक्षा का माहौल सकारात्मक और उत्साहजनक बन सके। जानें इस उपलब्धि के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
Aug 4, 2025, 20:03 IST
प्रधानमंत्री मोदी की परीक्षा पे चर्चा पहल को मिली मान्यता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण पहल, परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी), जिसे शिक्षा मंत्रालय ने MyGov के सहयोग से 2018 से सफलतापूर्वक आयोजित किया है, को "एक महीने में नागरिक सहभागिता मंच पर सबसे अधिक लोगों के पंजीकरण" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह जानकारी सोमवार को एक विज्ञप्ति में दी गई। यह मान्यता MyGov प्लेटफॉर्म पर आयोजित कार्यक्रम के आठवें संस्करण के दौरान प्राप्त 3.53 करोड़ वैध पंजीकरणों की अभूतपूर्व उपलब्धि का जश्न मनाती है।
परीक्षा पे चर्चा एक अनूठा वैश्विक मंच है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ सीधे संवाद के लिए स्थापित किया है। यह पहल परीक्षा के मौसम को सकारात्मकता, तैयारी और उद्देश्यपूर्ण सीखने के उत्सव में बदल देती है, जिससे परीक्षाएँ तनाव के बजाय प्रोत्साहन का समय बन जाती हैं। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में आधिकारिक गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, MyGov के सीईओ नंद कुमारम, शिक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य प्रमुख हितधारक उपस्थित थे। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने इस रिकॉर्ड को मान्य और घोषित किया।
इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, परीक्षा पे चर्चा को तनाव को सीखने के उत्सव में बदलकर परीक्षाओं के प्रति एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पुनर्परिभाषित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2025 में पीपीसी के 8वें संस्करण को सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुल 21 करोड़ से अधिक दर्शकों ने देखा। प्रधान ने आगे कहा कि पीपीसी 2025 में हुई भारी भागीदारी को समग्र और समावेशी शिक्षा के प्रति देश की सामूहिक प्रतिबद्धता और विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ संरेखण के रूप में देखा जा रहा है।