×

गाजियाबाद में मकान मालकिन की हत्या: तंत्र-मंत्र के प्रभाव में आया दंपती

गाजियाबाद में मकान मालकिन की हत्या के मामले में आरोपी दंपती ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के चलते हत्या को अंजाम देने का दावा किया है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने मकान मालकिन को भूत-बाधा समझकर हत्या की। यह मामला अंधविश्वास और मानसिक भय के प्रभाव में आने वाले परिवार की कहानी को उजागर करता है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

गाजियाबाद हत्या मामला: तंत्र-मंत्र का खौफ

हाल ही में गाजियाबाद में एक मकान मालकिन की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास का जिक्र किया गया है।



गाजियाबाद में मकान मालकिन की हत्या के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसके पीछे की कहानी और भी भयावह होती जा रही है। पुलिस पूछताछ में आरोपी दंपती की कहानी अंधविश्वास और मानसिक भय के जाल को उजागर करती है, जिसने उन्हें अपराध की ओर धकेल दिया।


पुलिस हिरासत में अजय और उसकी पत्नी आकृति ने जो बयान दिए हैं, वे जांच अधिकारियों को भी चौंका देने वाले हैं। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने मकान मालकिन को एक सामान्य इंसान नहीं, बल्कि किसी भूत-बाधा का रूप मान लिया था। इसी भ्रम और डर के चलते उन्होंने हत्या की योजना बनाई।


पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान अजय और आकृति ने बताया कि जब मकान मालकिन चिल्लाई, तो उन्हें ऐसा लगा कि तांत्रिक द्वारा बताई गई दुष्ट शक्ति उनके सामने आ गई है। उस समय उन्हें लगा कि सामने कोई इंसान नहीं, बल्कि भूत-बाधा है। इस डर के चलते उन्होंने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस का मानना है कि यह बयान इस बात का संकेत है कि आरोपी पूरी तरह से अंधविश्वास और मानसिक भय के प्रभाव में थे।


तांत्रिकों के प्रभाव में आया परिवार

जांच में यह भी सामने आया है कि अजय पिछले दो वर्षों से हापुड़ और लोनी के विभिन्न तांत्रिकों के संपर्क में था। उसके दो बच्चों की बीमारी से मौत हो चुकी थी और वह फिर से पिता बनना चाहता था। तांत्रिकों ने उसे बताया कि उसके आसपास नकारात्मक शक्तियां हैं और जिस घर में वह रह रहा है, वहां भूत-बाधा है। इसी डर के चलते अजय ने पिछले दो सालों में चार बार मकान बदले। हर बार उसे लगा कि नया घर उसकी समस्याओं का समाधान करेगा, लेकिन हालात और बिगड़ते चले गए।


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अजय और आकृति नियमित रूप से पूजा-पाठ और तंत्र-मंत्र में शामिल होने लगे। इसके अलावा, वे कथित तौर पर श्मशान में होने वाली पूजा में भी गए। आरोपियों को उम्मीद थी कि इससे उनका कारोबार चलेगा और उन्हें संतान सुख मिलेगा। लेकिन न तो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और न ही पारिवारिक परेशानियां खत्म हुईं। धीरे-धीरे अंधविश्वास और भय ने उनके दिमाग पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।