गांधीनगर में शिशु गृह में मां की तलाश में दो छोटे बच्चे
मां का दूध और स्नेह की तलाश
गांधीनगर के शिशु गृह में दो छोटे बच्चे बीते चार दिनों से अपनी मां और परिवार का इंतजार कर रहे हैं। ये नन्हे बच्चे हर आवाज पर चौंक जाते हैं, जैसे ही कोई महिला उनके पास आती है। डेढ़ साल का बच्चा ‘मां-मां’ कहकर रोता है, जबकि उसकी तीन साल की बहन उसे चुप कराने की कोशिश करती है। शिशु गृह के स्टाफ का कहना है कि जब भी बच्चे किसी महिला को देखते हैं, उनकी आंखों में उम्मीद की चमक आ जाती है, लेकिन जब मां का चेहरा नहीं दिखता, तो वे मायूस हो जाते हैं।
स्टेशन पर छोड़ दिए गए बच्चे
रविवार सुबह, जयपुर रेलवे स्टेशन पर एक अज्ञात महिला ने इन बच्चों को प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया। रेलवे पुलिस ने महिला की तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद चाइल्ड लाइन को सूचित किया गया, जिन्होंने बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया और फिर उन्हें गांधीनगर के शिशु गृह भेज दिया।
बच्चों की स्थिति में सुधार
बच्चों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, और यह संभव है कि उनकी मां ने उन्हें स्टेशन पर छोड़ दिया हो। फिलहाल, बच्चे सुरक्षित हैं और धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। रेलवे से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बिस्किट देकर छोड़े गए बच्चे
चाइल्ड लाइन के कॉआर्डिनेटर दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में एक महिला बच्चों को प्यार से बिस्किट देकर छोड़ते हुए दिखाई दी है, और बच्चे भी खुश नजर आ रहे थे। यह संभव है कि वह बच्चों की मां हो। शिशु गृह की अधीक्षक ज्योति यादव ने कहा कि दोनों बच्चे अपनी मां और परिवार को याद करते रहते हैं।