गर्भावस्था में शुगर लेवल बढ़ने पर क्या करें? जानें एक्सपर्ट्स की सलाह
गर्भावस्था में शुगर लेवल का बढ़ना
गर्भावस्था में शुगर लेवल का बढ़ना
हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। गर्भावस्था के दौरान भी डायबिटीज का खतरा होता है, जिसे नियंत्रित करना आवश्यक है। जब शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम होता है और रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है, तो इसे गेस्टेशनल डायबिटीज़ कहा जाता है।
गर्भवती महिलाओं में बढ़ा हुआ शुगर स्तर मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे बच्चे का वजन अधिक हो सकता है और समय से पहले डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, हर गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के 24 से 28वें सप्ताह के बीच रक्त शर्करा की जांच करानी चाहिए ताकि समय पर समस्या का पता चल सके। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान में अक्सर देरी होती है, क्योंकि इसके लक्षणों की जानकारी नहीं होती।
महिलाओं में शुगर लेवल बढ़ने के शुरुआती लक्षण
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल की डॉ. मानिनि पटेल के अनुसार, अगर महिलाओं में लगातार थकान, वजन बढ़ना, और बार-बार प्यास लगने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो ये डायबिटीज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। डॉ. रितिका प्रसाद का कहना है कि महिलाओं को यह समझना आवश्यक है कि हार्मोनल स्वास्थ्य और रक्त शर्करा एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं।
डॉ. रितिका बताती हैं कि गर्भावस्था में डायबिटीज के दौरान नियमित रूप से शुगर लेवल की जांच और संतुलित आहार बनाए रखने से बीमारी को शुरुआती अवस्था में ही नियंत्रित किया जा सकता है। इससे मां और बच्चे दोनों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। खानपान में लापरवाही डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
गर्भावस्था में शुगर लेवल की नियमित जांच करें।
यदि परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो विशेष सावधानी बरतें।
अधिक मीठा खाने से बचें।
डॉक्टर की सलाह पर योग और व्यायाम करें।
मानसिक तनाव से दूर रहें।