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गर्भावस्था में पालक का सेवन: फायदे और सावधानियाँ

पालक गर्भावस्था के दौरान एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, लेकिन इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। जानें कि कैसे पालक का सही मात्रा में सेवन करना चाहिए और किन समस्याओं से बचना चाहिए। इस लेख में गर्भावस्था में पालक के फायदों और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

पालक: एक सुपरफूड

नई दिल्ली: पालक को सबसे पौष्टिक हरी पत्तेदार सब्जियों में से एक माना जाता है। इसमें विटामिन ए, सी, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड और कई अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। हालांकि, किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से करना आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान पालक का सेवन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।


गर्भावस्था में पालक के फायदे

गर्भावस्था के दौरान पालक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद फोलिक एसिड गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। फोलिक एसिड की कमी से बच्चे में जन्मजात दोष हो सकते हैं। इसलिए, गर्भवती महिलाओं के लिए पालक का सेवन महत्वपूर्ण है, लेकिन दिन में आधा कप से अधिक पालक का सेवन नहीं करना चाहिए।


पालक के सेवन से जुड़ी सावधानियाँ

गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही में पालक का सेवन किडनी में पथरी का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए, पालक खाने के बाद अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है।


अधिक पालक का सेवन कब्ज की समस्या को भी बढ़ा सकता है। कुछ महिलाओं को पालक के अधिक सेवन से सीने में जलन और गैस की समस्या भी हो सकती है।


पालक में ड्यूरेटिक गुण होते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।


गर्भावस्था के अंतिम महीने में पालक का सेवन प्रसव से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि इसमें सैलिसिलेट नामक तत्व होता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।