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गणेश चतुर्थी 2025: विसर्जन के शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान

गणेश चतुर्थी 2025 का विसर्जन आज हो रहा है, जिसमें भक्त भगवान गणेश को विदाई दे रहे हैं। विसर्जन का यह अनुष्ठान श्रद्धा के साथ किया जाता है, जिसमें भक्तों का विश्वास है कि भगवान गणेश उनके प्रार्थनाओं को स्वीकार कर रहे हैं। इस लेख में विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान की जानकारी दी गई है, जिससे भक्त सही समय पर विसर्जन कर सकें। जानें कैसे करें विसर्जन और इसके पीछे का आध्यात्मिक महत्व क्या है।
 

गणेश चतुर्थी का विसर्जन

27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया था और आज 6 सितंबर को भक्त भगवान गणेश को विदाई दे रहे हैं, जो इस प्रिय त्योहार का समापन है।


भगवान गणेश की मूर्ति का जल में विसर्जन श्रद्धा के साथ किया जाता है, यह विश्वास करते हुए कि भगवान ने अपने भक्तों की प्रार्थनाओं और भेंटों को स्वीकार कर लिया है और अब वह अपने निवास की ओर जा रहे हैं। जब वह प्रस्थान करते हैं, तो उन्हें दुनिया में खुशी, समृद्धि, शांति और एकता का आशीर्वाद देने की उम्मीद होती है।


भगवान गणेश के दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विसर्जन अनुष्ठान को शुभ मुहूर्त के अनुसार पूरा करना आवश्यक है। इस मुहूर्त के बाहर अनुष्ठान करने से इसकी आध्यात्मिक महत्ता कम हो जाती है।


विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त

विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त


ड्रिक पंचांग के अनुसार, आज गणेश विसर्जन के लिए पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक था।


विसर्जन के लिए शेष समय स्लॉट इस प्रकार हैं:


दोपहर का मुहूर्त (चार, लाभ, अमृत):


12:19 PM – 5:02 PM


शाम का मुहूर्त (लाभ – सायंकाल):


6:37 PM – 8:02 PM


7 सितंबर के समय:


रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चार):


9:28 PM – 1:45 AM (अगले दिन)


सुबह का मुहूर्त (लाभ – उषा काल):


4:56 AM – 6:02 AM


गणेश चतुर्थी की आरती

गणेश चतुर्थी की आरती:





भक्तों को जोर से चिल्लाने के लिए प्रेरित किया जाता है- 'गणपति बप्पा मोरया! अगले साल जल्दी आना!' मूर्ति का विसर्जन इन पवित्र समयों का पालन करते हुए करें, साथ ही प्रार्थनाएं गाते हुए, भक्ति गीत गाते हुए, और भगवान को फूल, मिठाई और नारियल अर्पित करें। यह पवित्र अनुष्ठान न केवल भगवान गणेश के प्रस्थान का प्रतीक है, बल्कि हमारे जीवन से नकारात्मकता, बाधाओं और अहंकार को छोड़ने का भी संकेत है।