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गडकरी ने बताया राजनीति में अच्छे संबंधों का महत्व

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में अमृत महोत्सव कार्यक्रम में राजनीतिक मतभेदों के बावजूद अच्छे संबंधों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने कॉलेज के मित्र सुरेश अग्रवाल का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे विचारधाराओं में भिन्नता होने के बावजूद व्यक्तिगत संबंध मजबूत रह सकते हैं। गडकरी ने भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि राजनीति में उदारता आवश्यक है। इस लेख में जानें गडकरी के विचार और उनके अनुभव।
 

राजनीति में दिल बड़ा होना चाहिए

नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद व्यक्तिगत संबंधों को बनाए रखना संभव है। उन्होंने शुक्रवार को अमृत महोत्सव सतकारी कार्यक्रम में कहा कि राजनीति में एक व्यक्ति को उदार होना चाहिए और सभी विरोधियों का सम्मान करना चाहिए।

गडकरी नागपुर में सुरेश (बाबू) अग्रवाल के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने अग्रवाल को अपने कॉलेज के दिनों का मित्र और राम मनोहर लोहिया के विचारों का अनुयायी बताया।

गडकरी ने कहा कि भले ही अग्रवाल समाजवादी विचारधारा के अनुयायी हैं, लेकिन उनके बीच कभी भी मतभेद नहीं रहे। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों की यादें साझा कीं और कहा कि वह समाजवादी विचारधारा के कुछ पहलुओं को मानते हैं।

गडकरी ने कहा, 'भले ही मतभेद हों, रिश्ते मजबूत और स्थायी होते हैं। यही भारतीय लोकतंत्र की विशेषता है।' उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में उदारता आवश्यक है और विरोधियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।

गडकरी ने कहा कि राजनीतिक विचारधारा के कारण उनकी दोस्ती में कोई तनाव नहीं आया है।

जॉर्ज फर्नांडिस की यादें

गडकरी ने पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की सराहना की और उनके काम और सादगी की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, जो कम्युनिस्ट हैं, जब भी दिल्ली आते हैं, तो शिष्टाचार के नाते उनसे मिलने आते हैं।

गडकरी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उनके अच्छे दोस्त राम मनोहर लोहिया के अनुयायी हैं, जिनमें बाबू अग्रवाल और अटल वाजपेई शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति और विचारधारा के चलते व्यक्तिगत संबंधों को नहीं बिगाड़ना चाहिए।