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खेसारी लाल यादव की 'रंग दे बसंती': भोजपुरी सिनेमा की नई ऊंचाई

खेसारी लाल यादव की नई फिल्म 'रंग दे बसंती' ने भोजपुरी सिनेमा में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। इस फिल्म ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ा है, बल्कि इसे भोजपुरी की सबसे महंगी फिल्म भी माना जा रहा है। फिल्म में खेसारी के बेटे ऋषभ का भी डेब्यू हुआ है। जानें इस फिल्म के बजट, कमाई और खासियतों के बारे में।
 

खेसारी लाल यादव का नया प्रोजेक्ट

खेसारी लाल यादव की फिल्म

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर अभिनेता खेसारी लाल यादव हमेशा अपने नए प्रोजेक्ट्स से दर्शकों को चौंकाते हैं। चाहे वह रोमांस हो, एक्शन या देशभक्ति, उनका हर अंदाज अद्वितीय होता है। इस बार उन्होंने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे भोजपुरी फिल्म उद्योग को गर्व महसूस हो रहा है। उनकी फिल्म 'रंग दे बसंती' ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ा है, बल्कि इसे भोजपुरी सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म भी बना दिया है।

इस फिल्म का बजट भोजपुरी सिनेमा के लिए बेहद चौंकाने वाला है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 'रंग दे बसंती' का निर्माण 2024 में हुआ और इसके लिए लगभग 7 से 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह पहली बार है जब किसी भोजपुरी फिल्म का बजट इतना बड़ा है। फिल्म में शानदार सेट, बेहतरीन एक्शन और अद्भुत लोकेशन का उपयोग किया गया है। मेकर्स ने इसे बॉलीवुड स्तर पर तैयार किया है, ताकि दर्शकों को एक अनोखा अनुभव मिल सके।

बेटे का फिल्मी डेब्यू

खेसारी लाल यादव ने न केवल इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई, बल्कि इसके निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 'रंग दे बसंती' की खासियत यह है कि इसमें उनके बेटे ऋषभ यादव ने भी काम किया है। यह पिता-पुत्र की जोड़ी पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आई है। ऋषभ ने इस फिल्म में एक छोटे लेकिन महत्वपूर्ण किरदार को निभाया है, जिससे उन्होंने इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की है। फिल्म में खेसारी एक फौजी के रूप में दिखाई देते हैं, और यह एक सैनिक की कहानी है।

फिल्म की कमाई का आंकड़ा

इस फिल्म में देशभक्ति, इमोशन और एक्शन का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला। 'रंग दे बसंती' को पूरे भारत में 250 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज किया गया, और यह पहली भोजपुरी फिल्म थी जिसे मल्टीप्लेक्स में भी प्रदर्शित किया गया। रिलीज के पहले दिन फिल्म ने शानदार ओपनिंग की और पहले तीन दिनों में लगभग 45 लाख रुपये की कमाई की। बाद में, फिल्म की कुल कमाई 15 से 20 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो भोजपुरी फिल्मों के लिए एक बड़ा आंकड़ा माना जाता है।