खून के गाढ़े या पतले होने का पता कैसे लगाएं: विशेषज्ञ की सलाह
स्वास्थ्य के लिए खून का सही बहाव
स्वस्थ रहने के लिए शरीर में खून का सही बहाव अत्यंत आवश्यक है। कभी-कभी खून जरूरत से ज्यादा गाढ़ा या पतला हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस स्थिति का समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है। इस विषय पर दिल्ली के एम्स में पैथोलॉजी विभाग के डॉ. सुवाकर दत्ता ने जानकारी दी है।
खून के गाढ़ेपन की जांच
खून का बहाव सामान्य गाढ़ेपन के साथ होना चाहिए ताकि यह शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सही आपूर्ति कर सके। यदि खून गाढ़ा हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें क्लॉटिंग फैक्टर की मात्रा बढ़ गई है, जिससे थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, पतले खून का मतलब है कि थक्का बनने की क्षमता कम हो गई है, जिससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जैसे डिहाइड्रेशन, कुछ दवाओं का सेवन, लिवर की समस्याएं, विटामिन K की कमी या आनुवंशिक कारण। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि खून सामान्य है या नहीं, और इसके लिए कुछ विशेष परीक्षण किए जा सकते हैं।
खून के गाढ़े या पतले होने के खतरे
खून का अत्यधिक गाढ़ा या पतला होना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। गाढ़ा खून शरीर में रक्त प्रवाह को धीमा कर सकता है, जिससे रक्त के थक्के बन सकते हैं, जो स्ट्रोक, हार्ट अटैक या डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकते हैं। दूसरी ओर, अगर खून बहुत पतला हो जाए, तो यह छोटी चोटों में भी अधिक रक्तस्राव का कारण बन सकता है और आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। विशेषकर सर्जरी या चोट लगने की स्थिति में पतला खून एक बड़ी समस्या बन सकता है। इसलिए, यदि आपको बार-बार नाक से खून आना, चोट लगने पर खून का देर से रुकना या पैरों में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जांच कराना आवश्यक है।
कौन से परीक्षण कराएं?
डॉ. सुवाकर दत्ता के अनुसार, खून के गाढ़े या पतले होने का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ विशेष रक्त परीक्षण कराने की सलाह देते हैं। सबसे सामान्य और आवश्यक परीक्षण PT (Prothrombin Time) और INR (International Normalized Ratio) हैं। ये परीक्षण खून के थक्का बनने की प्रक्रिया की जांच करते हैं। यदि PT-INR का स्तर सामान्य से कम है, तो खून गाढ़ा हो सकता है, और यदि यह अधिक है, तो खून पतला होने की संभावना होती है।
इसके अलावा, CBC (Complete Blood Count) परीक्षण से प्लेटलेट्स की संख्या और खून की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है। D-Dimer और Blood Viscosity परीक्षण भी खून के गाढ़ेपन का स्तर जांचने में सहायक होते हैं। डॉक्टर लक्षणों के अनुसार सही परीक्षण की सलाह देते हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर समय पर उपचार शुरू करना संभव होता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य के लिए सुझाव
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
बिना डॉक्टर की सलाह के रक्त पतला करने वाली दवाएं न लें।
संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।
व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।