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खरमास के दौरान विवाह दोष दूर करने के उपाय और शुभ मुहूर्त

खरमास का समय विवाह दोष दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान शुभ कार्यों की अनुमति नहीं होती, लेकिन पूजा-पाठ जारी रहता है। जानें कैसे सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा से विवाह दोष को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, जानें कब से विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे।
 

खरमास के उपाय

विवाह दोष के उपायImage Credit source: Freepik

खरमास के उपाय: वर्तमान में खरमास का समय चल रहा है, जो 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से शुरू हुआ। साल में दो बार खरमास होता है: एक बार जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है और दूसरी बार धनु राशि में। दोनों राशियों का स्वामित्व गुरु बृहस्पति के पास है।

खरमास की अवधि एक महीने की होती है और इसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह, नामकरण, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि मान्यता है कि इस समय सूर्य का तेज कम हो जाता है। इस कारण से किए गए मांगलिक कार्यों के शुभ फल नहीं मिलते।

खरमास में पूजा-पाठ की अनुमति

हालांकि, खरमास के दौरान पूजा-पाठ और नाम जप करने में कोई रोक नहीं है। इस महीने में सूर्य की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि इस समय सूर्य पूजन का विशेष लाभ होता है। विवाह दोष दूर करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं।

विवाह दोष के उपाय

खरमास में विवाह दोष को दूर करने के लिए शादी जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन इस दौरान सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा में पीले रंग का उपयोग, मंत्र जाप (जैसे “ॐ श्रीं ह्रीं पूर्ण गृहस्थ सुख सिद्धये ह्रीं श्रीं ॐ नमः”) और दान-पुण्य जैसे उपाय किए जाते हैं, जो वैवाहिक जीवन में खुशी लाते हैं। इन उपायों से घर में धन और समृद्धि आती है और दोषों का निवारण होता है।

फरवरी 2026 से विवाह की शुरुआत

खरमास 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ समाप्त होगा, लेकिन शुक्र ग्रह अस्त रहने के कारण जनवरी 2026 में विवाह का कोई मुहूर्त नहीं होगा। शुक्र का उदय 01 फरवरी 2026 को होगा, जिसके बाद विवाह और अन्य मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इसलिए विवाह का सीजन फरवरी 2026 से प्रारंभ होगा।