क्या वाइट हाउस ने पीएम मोदी को अनफॉलो किया? सच्चाई जानें
डॉनल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। इस अवसर को खास बनाने के लिए उन्होंने विभिन्न देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
हालांकि, अभी तक आमंत्रित नेताओं की पूरी सूची जारी नहीं की गई है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम इसमें नहीं है। इसके साथ ही, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की 24 से 29 दिसंबर तक अमेरिका यात्रा को लेकर भी चर्चा हो रही है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि जयशंकर पीएम मोदी के लिए अमेरिका गए हैं।
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि वाइट हाउस ने पीएम मोदी को 'अनफॉलो' कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल दावे
फेसबुक यूजर नंद कुमार साहू ने एक पोस्ट में लिखा, "पहले शपथ ग्रहण का न्योता नहीं भेजा, अब ट्विटर पर से अनफॉलो कर दिया। यह बहुत अपमानजनक है।"
कांग्रेस से जुड़े राहुल गुप्ता ने भी इसी तरह का दावा किया, "वाइट हाउस ने पीएम मोदी को अनफॉलो किया है! यह तो बेइज्जती है!"
ऐसे ही कई अन्य यूजर्स ने भी इस दावे को साझा किया है।
क्या है सच्चाई?
क्या वाइट हाउस ने हाल ही में पीएम मोदी को अनफॉलो किया? इस दावे की सच्चाई क्या है? वाइट हाउस, जो कि अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है, वर्तमान में केवल 6 अकाउंट को फॉलो कर रहा है। इनमें राष्ट्रपति जो बाइडन, उनकी पत्नी, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और कुछ अन्य शामिल हैं।
इसका मतलब है कि वाइट हाउस ने डॉनल्ड ट्रंप को भी फॉलो नहीं किया है। केवल कुछ चुनिंदा सरकारी अधिकारियों को ही फॉलो किया जाता है।
पीएम मोदी को अनफॉलो करने का मामला
वास्तव में, पीएम मोदी को वाइट हाउस ने हाल ही में नहीं, बल्कि लगभग 5 साल पहले अनफॉलो किया था। उस समय यह एक चर्चा का विषय बना था। वाइट हाउस ने तब स्पष्ट किया था कि जब भी राष्ट्रपति किसी देश की यात्रा पर जाते हैं, तो उस देश के आधिकारिक ट्विटर पेज को फॉलो किया जाता है।
फरवरी 2020 में, जब डॉनल्ड ट्रंप भारत आए थे, तब वाइट हाउस ने पीएम मोदी के अकाउंट को 10 अप्रैल, 2020 को फॉलो किया था। लेकिन 29 अप्रैल, 2020 को पीएम मोदी समेत सभी भारतीय अकाउंट को अनफॉलो कर दिया गया।
निष्कर्ष
इस प्रकार, हमारी जांच से यह स्पष्ट होता है कि वाइट हाउस द्वारा पीएम मोदी को अनफॉलो करने का दावा भ्रामक है। यह कोई नई घटना नहीं है, बल्कि वर्षों पहले की बात है।