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क्या ममता बनर्जी सच में हिंदुओं को खुश कर रही हैं?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंदुओं को खुश करने के आरोप लग रहे हैं। बीजेपी और TMC के बीच की सियासी बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। हुमायूं कबीर, जो हाल ही में TMC से निकाले गए हैं, ने ममता पर हिंदुओं को तुष्ट करने का आरोप लगाया है। क्या ममता सच में ऐसा कर रही हैं या यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है? जानिए इस लेख में ममता के कार्यों और उनके राजनीतिक समीकरण के बारे में।
 

सियासी बयानबाजी का केंद्र ममता बनर्जी

सीएम ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों की तैयारी के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बीजेपी द्वारा मुसलमानों को खुश करने का आरोप लगाया जा रहा है। हाल ही में TMC से निकाले गए हुमायूं कबीर ने ममता पर हिंदुओं को संतुष्ट करने का आरोप लगाया है। ममता ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया जाता है, जबकि वह एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और सभी धर्मों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करती हैं।


बीजेपी के आरोप नए नहीं हैं, लेकिन कबीर का बयान बंगाल की राजनीतिक स्थिति को और गर्म कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2026 का विधानसभा चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम होगा। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता पर हिंदू तुष्टीकरण का आरोप लगाया है, यह कहते हुए कि वह जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवा रही हैं और दुर्गा पूजा के लिए फंड दे रही हैं।


कबीर ने खुद को मुसलमानों का नेता बताते हुए कहा कि 2026 में मुस्लिम वोट उनके पक्ष में आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह 200 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारेंगे, जिनमें से 90 मुस्लिम होंगे।


ममता को हिंदुओं और मुसलमानों दोनों का वोट मिलता है, लेकिन कबीर अब अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।


क्या ममता सच में हिंदुओं को खुश कर रही हैं?

कबीर का कहना है कि ममता हिंदुओं को खुश करने में लगी हैं, लेकिन क्या उन्होंने विधायक मदन मित्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, जिन्होंने भगवान राम के धर्म पर सवाल उठाया था? इसका उत्तर है नहीं। बीजेपी ने इस पर ममता को घेरते हुए कहा कि उनके नेता कहते हैं कि राम हिंदू नहीं, मुस्लिम थे, जिससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं।


बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ममता पर आरोप लगाया कि वह कम्युनल राजनीति कर रही हैं और हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगा कराना चाहती हैं। उन्होंने 2019 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ममता ने जय श्री राम कहने पर गुस्से में प्रतिक्रिया दी थी।


ममता ने कुछ हिंदू संतों के खिलाफ भी विवादित बयान दिए हैं। उन्होंने हुगली में एक रैली में साधुओं की आलोचना की और उन पर बीजेपी से प्रभावित होने का आरोप लगाया।


CAA के विरोध में ममता का रुख

ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का भी विरोध किया है। बीजेपी का आरोप है कि वह बंगाली हिंदुओं के खिलाफ काम कर रही हैं।


बीजेपी ने कहा कि ममता उन परिवारों के खिलाफ हैं जिन्होंने अत्याचार और विस्थापन झेला है।


ममता के हिंदुओं के लिए किए गए कार्य

ममता सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की आधारशिला रखने जा रही हैं। यह राज्य का सबसे बड़ा महाकाल मंदिर होगा।


इसके अलावा, उन्होंने कोलकाता में दुर्गा आंगन की आधारशिला रखी है। ममता ने कहा कि उन्होंने विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।


ममता ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के आरोपों का भी जवाब दिया है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं और हिंदू होने पर गर्व महसूस करती हैं।