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क्या फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में टीबी फैल सकती है?

टीबी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों में होती है, लेकिन क्या यह अन्य अंगों में भी फैल सकती है? जानें एक्सट्रापल्मोनरी टीबी के बारे में, इसके लक्षण और संक्रमण के जोखिम के बारे में। विशेषज्ञों की राय और टीबी से बचाव के उपायों के साथ, यह लेख आपको इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करेगा।
 

टीबी: एक संक्रामक बीमारी

शरीर के अन्य हिस्सों की टीबी क्या फैलती है?
Image Credit source: Getty Images

टीबी, जिसे ट्यूबरकुलोसिस भी कहा जाता है, एक संक्रामक रोग है जो मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इसका सबसे सामान्य प्रकार फेफड़ों की टीबी (Pulmonary TB) है। जब कोई व्यक्ति फेफड़ों की टीबी से ग्रसित होता है, तो वह खांसने, छींकने या बातचीत करते समय बैक्टीरिया को हवा में छोड़ता है। ये बैक्टीरिया हवा में लंबे समय तक रह सकते हैं और आसपास के लोग इन्हें सांस के माध्यम से ग्रहण कर लेते हैं। इस प्रकार, संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। फेफड़ों की टीबी आमतौर पर उन लोगों में होती है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, जैसे कुपोषण, लंबे समय तक बीमार रहना या HIV संक्रमित लोग। इसके प्रारंभिक लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन में कमी शामिल हैं। यदि समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है और दूसरों को भी संक्रमित कर सकती है.


एक्सट्रापल्मोनरी टीबी: क्या यह भी फैलती है?

टीबी केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है। यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती है, जिसे एक्सट्रापल्मोनरी टीबी (Extrapulmonary TB) कहा जाता है। इसमें लिम्फ नोड्स, हड्डियों, गुर्दों, मस्तिष्क (TB meningitis), आंतों और त्वचा की टीबी शामिल होती है। इस प्रकार की टीबी में संक्रमण का स्रोत वही बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन ये रक्त प्रवाह के माध्यम से फेफड़ों से निकलकर शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं। इस प्रकार की टीबी में लक्षण उस अंग के अनुसार भिन्न होते हैं, जैसे लिम्फ नोड्स में सूजन, हड्डियों में दर्द, या मस्तिष्क में सूजन से सिरदर्द और उलझन। इनका इलाज लंबा होता है, लेकिन नियमित दवा से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.


क्या दूसरी टीबी भी एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है?

विशेषज्ञों की राय

दिल्ली के मूलचंद अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के डॉ. भगवान मंत्री के अनुसार, आमतौर पर फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया खांसी या छींक के माध्यम से हवा में फैलते हैं। हालांकि, एक्सट्रापल्मोनरी टीबी सामान्य परिस्थितियों में दूसरों को संक्रमित नहीं करती। लिम्फ नोड्स, हड्डियों या किडनी की टीबी में बैक्टीरिया बाहर की हवा में नहीं निकलते, इसलिए इसका संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम होता है.

हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे यदि किसी मरीज को फेफड़ों की टीबी के साथ-साथ दूसरी टीबी भी हो, तो संक्रमण फैलने की संभावना हो सकती है। एक्सट्रापल्मोनरी टीबी के कुछ रूप, जैसे खुली घाव वाली टीबी में सीधे संपर्क से संक्रमण का थोड़ा खतरा हो सकता है, लेकिन यह बहुत दुर्लभ है। चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे सर्जरी या प्रयोगशाला में काम करते समय संक्रमण का जोखिम हो सकता है, इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इसलिए, फेफड़ों की टीबी ही मुख्य रूप से फैलने वाली बीमारी है, जबकि अन्य प्रकार आमतौर पर नहीं फैलते.


टीबी से बचाव के उपाय

इन चीजों का रखें ध्यान

टीबी के मरीज को तुरंत और पूरा इलाज कराना ज़रूरी है.

खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें, मास्क का प्रयोग करें.

घर में नियमित रूप से वेंटिलेशन रखें, हवा का आवागमन जरूरी है.

डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाएं समय पर लें और पूरा कोर्स करें.

मरीज के बर्तन, तौलिया आदि अलग रखें और साफ-सफाई पर ध्यान दें.

इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए पौष्टिक डाइट लें.

टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं, इलाज में देरी न करें.