क्या नौकरी छोड़ने पर पीएफ निकालने से पेंशन का हक खत्म हो जाता है?
EPFO: प्राइवेट सेक्टर में नौकरी का महत्व
प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हर कर्मचारी के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) भविष्य की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन है। हर महीने सैलरी से कटने वाली यह राशि केवल बचत का माध्यम नहीं है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की उम्मीद भी है। वर्तमान में, जब लोग तेजी से नौकरी बदलते हैं, तो पीएफ खाते से पैसे निकालने की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इस संदर्भ में एक बड़ा प्रश्न यह है कि यदि कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले अपने पीएफ खाते से पैसे निकालता है, तो क्या उसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी?
पीएफ और पेंशन के बीच का अंतर
कई लोग पीएफ और पेंशन को एक ही समझते हैं, जबकि ये तकनीकी रूप से भिन्न हैं। जब आप नौकरी करते हैं, तो आपकी सैलरी से कटने वाला पैसा दो भागों में विभाजित होता है: एक ईपीएफ (EPF) और दूसरा ईपीएस (EPS)। कर्मचारी की सैलरी से पूरी राशि ईपीएफ में जमा होती है, जबकि नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में बंटता है। नियोक्ता का एक हिस्सा ईपीएफ में और एक बड़ा हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जो आपकी पेंशन का आधार बनता है।
10 साल की सेवा की आवश्यकता
पेंशन प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्त सेवा की अवधि है। ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का हकदार बनने के लिए कम से कम 10 साल तक ईपीएस में योगदान देना आवश्यक है। यह 10 साल की अवधि एक ही कंपनी में या विभिन्न कंपनियों में मिलाकर भी पूरी की जा सकती है। लेकिन समस्या तब आती है जब कोई कर्मचारी 10 साल से पहले नौकरी छोड़ देता है और फंड निकालने का निर्णय लेता है।
क्या पैसे निकालने से पेंशन का हक समाप्त हो जाएगा?
यह वह बिंदु है जहां अधिकांश कर्मचारियों को भ्रम होता है। नियम स्पष्ट है कि यदि आप 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले अपना पूरा पीएफ और ईपीएस फंड निकाल लेते हैं, तो आप भविष्य में मिलने वाली मासिक पेंशन के लिए पात्रता खो देते हैं। जब आप 10 साल से कम सेवा पर पैसे निकालते हैं, तो आप ईपीएस में जमा राशि को एकमुश्त निकाल लेते हैं, जिसका अर्थ है कि आपने उस अवधि के लिए पेंशन योजना से अपनी सदस्यता समाप्त कर ली है। इसलिए, वह समय आपकी पेंशन सेवा में नहीं गिना जाएगा।
फॉर्म 10C और 10D का महत्व
ईपीएफओ ने निकासी और क्लेम के लिए अलग-अलग फॉर्म निर्धारित किए हैं, जो आपकी सेवा की अवधि पर निर्भर करते हैं।
- 10 साल से कम सेवा: यदि आपने 7 या 9 साल काम किया और नौकरी छोड़ दी, और आगे पीएफ के दायरे में नौकरी करने का कोई इरादा नहीं है, तो आप ‘फॉर्म 10C’ का उपयोग करके अपनी पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं। यह राशि आपको एकमुश्त मिलेगी, लेकिन इसके बाद मासिक पेंशन का रास्ता बंद हो जाएगा।
- 10 साल से अधिक सेवा: यदि आपने 10 या 12 साल काम किया है, तो नियम बदल जाते हैं। ऐसी स्थिति में आप ईपीएस का पैसा नहीं निकाल सकते। इसके बजाय, आपको एक ‘पेंशन सर्टिफिकेट’ जारी किया जाता है। आपको 58 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा। रिटायरमेंट की उम्र होने पर आप ‘फॉर्म 10D’ भरकर मासिक पेंशन के लिए क्लेम कर सकते हैं।
अफवाहों का सच
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