क्या नॉन वेज डाइट ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है? जानें ICMR की नई स्टडी से
नॉन वेज डाइट और ब्रेस्ट कैंसर का संबंध
नॉन वेज डाइट और ब्रेस्ट कैंसरImage Credit source: Getty Images
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में तेजी से बढ़ती हुई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। भारत में हर साल इसके मामलों में वृद्धि हो रही है, जिसके चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञ और अनुसंधान संस्थान इसके कारणों और जोखिमों पर गहन अध्ययन कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा हाल ही में एक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है, जिसमें महिलाओं की डाइट और जीवनशैली को ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से जोड़ा गया है। इस अध्ययन में खानपान की आदतों, नींद, मोटापे और दैनिक जीवनशैली का विश्लेषण किया गया है।
इससे यह प्रश्न उठता है कि क्या नॉन वेज डाइट ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं कि इस अध्ययन में क्या निष्कर्ष निकाले गए हैं और इसे कैसे समझा जाना चाहिए।
क्या नॉन वेज डाइट ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है?
ICMR के अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं का नॉन वेज सेवन अधिक है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अन्य महिलाओं की तुलना में थोड़ा अधिक पाया गया। यह अध्ययन विभिन्न शोधों के आंकड़ों को मिलाकर किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि असंतुलित नॉन वेज डाइट, विशेषकर अधिक वसा वाली चीजें, स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया कि यदि नॉन वेज खाने के साथ शारीरिक गतिविधि कम हो, नींद पूरी न हो और मोटापा बढ़े, तो जोखिम और भी बढ़ सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि नॉन वेज खाना सीधे तौर पर ब्रेस्ट कैंसर का कारण नहीं है, बल्कि यह एक जोखिम कारक हो सकता है। सही मात्रा और संतुलन के बिना ली गई डाइट शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जो आगे चलकर समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं।
विशेषज्ञों की राय
आरएमएल हॉस्पिटल में महिला रोग विभाग की डॉ. सलोनी चड्ढा का कहना है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी बीमारी को केवल एक कारण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर के पीछे कई कारक हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल परिवर्तन, पारिवारिक इतिहास, उम्र, मोटापा और जीवनशैली।
इसलिए, नॉन वेज डाइट अपने आप में हानिकारक नहीं है, लेकिन यदि इसमें संतुलन न हो और अधिक तला-भुना या प्रोसेस्ड मांस का सेवन किया जाए, तो समस्या बढ़ सकती है। डाइट में फलों, सब्जियों, फाइबर और पर्याप्त पोषण का होना आवश्यक है। इसके साथ ही, नियमित व्यायाम और अच्छी नींद भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर ध्यान देना चाहिए।
बचाव के उपाय
संतुलित और पौष्टिक डाइट का सेवन करें।
नॉन वेज को सीमित मात्रा में और स्वस्थ तरीके से खाएं।
तली-भुनी और प्रोसेस्ड चीजों से दूरी बनाएं।
नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
वजन को नियंत्रित रखें।
पूरी नींद लें और तनाव को कम करें।
समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।