क्या NCP-SP गुट महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में बदलाव लाएगा? शरद पवार का नया निर्णय
शरद पवार का महत्वपूर्ण निर्णय
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरदचंद्र पवार (NCP-SP) के अध्यक्ष शरद पवार.
मराठा आरक्षण के संदर्भ में हैदराबाद गजट लागू हो चुका है, जिससे मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हालांकि, ओबीसी समुदाय इस गजट का विरोध कर रहा है। इसी बीच, राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा भी हो चुकी है। एनसीपी शरद पवार गुट ने इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
शरद पवार ने निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में केवल ओबीसी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाए। जहां ओबीसी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, वहां वैकल्पिक कुनबी प्रमाणपत्र वाले उम्मीदवारों को ही मौका दिया जाएगा। यह निर्णय शरद पवार के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है, और अन्य राजनीतिक दल भी इस पर ध्यान दे रहे हैं।
BJP के साथ गठबंधन नहीं, नए चेहरों को मिलेगा मौका
सूत्रों के अनुसार, शरद पवार ने कोर कमेटी की बैठक में स्पष्ट किया है कि भाजपा के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, एनसीपी शरद पवार गुट ने यह भी तय किया है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में युवा और नए उम्मीदवारों को अधिक से अधिक अवसर दिए जाएं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति पार्टी को कितना लाभ पहुंचाती है। नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के लिए मतदान 2 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
हैदराबाद गजट का महत्व
हैदराबाद गजट एक अधिसूचना है जो हैदराबाद की रियासत द्वारा जारी की गई थी, जिसमें कुनबी जाति को पिछड़ा वर्ग माना गया था। यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ेपन के कारण किया गया था। मराठा आरक्षण आंदोलन में इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया गया है। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने की मांग को स्वीकार कर लिया है।
महाराष्ट्र और हैदराबाद का संबंध
लोगों में यह जानने की जिज्ञासा है कि हैदराबाद की अधिसूचना का महाराष्ट्र से क्या संबंध है। दरअसल, यह संबंध उस समय से है जब देश स्वतंत्र नहीं हुआ था। मराठवाड़ा के 8 जिले आजादी से पहले हैदराबाद की रियासत का हिस्सा थे। हैदराबाद के निजाम ने 1918 में इस अधिसूचना को जारी किया था, जिसे हैदराबाद गजट के नाम से जाना जाता है।