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क्या 2026 में सोना-चांदी की कीमतें और बढ़ेंगी? जानें विशेषज्ञ की राय

2025 में सोना और चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, विशेषकर चांदी ने रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि की है। विशेषज्ञ अजय केड़िया के अनुसार, चांदी की कीमतें 3 लाख रुपए तक पहुँच सकती हैं, जबकि सोने में भी स्थिर वृद्धि की संभावना है। जानें गोल्ड-सिल्वर रेशियो का महत्व और अन्य कमोडिटीज में संभावनाएं। निवेशकों के लिए सलाह भी दी गई है कि वे समझदारी से निवेश करें।
 

सोना-चांदी का ऐतिहासिक वर्ष

सोना-चांदी

वर्ष 2025 सोना और चांदी के निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। सोने ने शानदार रिटर्न प्रदान किया, जबकि चांदी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चांदी की कीमतें लगभग 2.40 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुँच गई हैं, जिससे निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या चांदी 3 लाख रुपए का आंकड़ा पार कर सकती है। इस सवाल का उत्तर देने के लिए, कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञ अजय केड़िया ने सोना, चांदी और अन्य कमोडिटीज पर अपनी विस्तृत राय साझा की।


चांदी में तेजी के कारण

अजय केड़िया के अनुसार, चांदी की मौजूदा तेजी केवल सट्टा नहीं है, बल्कि इसके पीछे मजबूत बुनियादी कारण भी हैं। कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर पैनलों, 5G और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में चांदी की औद्योगिक मांग में तेजी आई है। इसके अलावा, सप्लाई में कमी, ETF की खरीदारी और कुछ देशों द्वारा चांदी को महत्वपूर्ण धातु के रूप में मान्यता देने से भी कीमतों को समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि पिछले 30-40 वर्षों में चांदी ने इतनी बड़ी रैली बहुत कम बार दिखाई है। 2025 में अब तक चांदी की कीमत लगभग 140% बढ़ चुकी है।


गोल्ड-सिल्वर रेशियो का महत्व

गोल्ड-सिल्वर रेशियो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो यह दर्शाता है कि चांदी सोने की तुलना में कितनी महंगी या सस्ती है। वर्तमान में यह रेशियो लगभग 62 है, जो यह संकेत देता है कि चांदी इस समय सोने की तुलना में एक अधिक आकर्षक निवेश विकल्प है। हालांकि, इतनी बड़ी तेजी के बाद हल्का करेक्शन संभव है।


क्या चांदी 3 लाख रुपए तक जाएगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा रुझान को देखते हुए 3 लाख रुपए का स्तर असंभव नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी ने $50 का महत्वपूर्ण स्तर पार कर लिया है, और अगला बड़ा लक्ष्य $75 माना जा रहा है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि इतनी बड़ी रैली के बाद समय-आधारित करेक्शन आ सकता है, इसलिए निवेश को चरणबद्ध तरीके से करना बेहतर रहेगा।


सोने का भविष्य

चांदी की चमक के बीच सोने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जियोपॉलिटिकल तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और डॉलर की कमजोरी ने सोने को मजबूत बनाए रखा है। अजय केड़िया के अनुसार, 2026 में सोने में 10-12% की स्थिर लेकिन मजबूत वृद्धि देखने को मिल सकती है। घरेलू बाजार में सोने का नया बेस लगभग 1.05-1.10 लाख रुपए के आसपास बनता दिख रहा है, जबकि दीर्घकालिक में 1.5 लाख रुपए तक के स्तर संभव हैं।


अन्य कमोडिटीज पर ध्यान

विशेषज्ञ का कहना है कि 2026 में बेस मेटल्स जैसे कॉपर, जिंक और एल्यूमिनियम में भी जबरदस्त संभावनाएं हैं। उन्होंने कॉपर को नया सोना बताया है, क्योंकि डिजिटल अर्थव्यवस्था और ऊर्जा संक्रमण में इसकी भूमिका लगातार बढ़ रही है।


निवेशकों के लिए सुझाव

अजय केड़िया की सलाह है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 15-20% हिस्सा कमोडिटीज, विशेषकर सोना और चांदी में रखें। कम पूंजी वाले निवेशक भी ETF और SIP के माध्यम से 500 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने सलाह दी कि किसी भी निवेश से पहले सेबी-रजिस्टर्ड सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। 2025 ने सोना-चांदी निवेशकों को मालामाल किया है और 2026 में भी कमोडिटी क्षेत्र आकर्षक बना रह सकता है। हालांकि, अंधाधुंध निवेश के बजाय समझदारी, धैर्य और सही रणनीति के साथ निवेश करना ही बेहतर रिटर्न की कुंजी होगा।