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कोविड टीकाकरण और युवाओं में अचानक मौतों का जोखिम: स्वास्थ्य मंत्री का बयान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कोविड टीकाकरण के प्रभाव पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण से युवाओं में अचानक मौतों का जोखिम नहीं बढ़ा है। आईसीएमआर के अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने और जीवनशैली संबंधी आदतों के कारण अचानक मौतों की संभावना बढ़ सकती है। जानें इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और दिल के दौरे से संबंधित आंकड़ों के बारे में।
 

कोविड टीकाकरण का प्रभाव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण से देश के युवाओं में अचानक मौतों का खतरा नहीं बढ़ा है। उन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी आदतों के कारण युवाओं में अचानक मौतों की संभावना बढ़ सकती है।


दिल के दौरे के आंकड़े

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल के दौरे से संबंधित आंकड़े केंद्रीय स्तर पर संचित नहीं किए जाते हैं। आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान ने देशभर के 25 अस्पतालों में एक अध्ययन किया है ताकि दिल के दौरे के कारणों को समझा जा सके।


अध्ययन के निष्कर्ष

नड्डा ने बताया कि अध्ययन में शामिल मरीज 18 से 45 वर्ष की आयु के थे, जिन्हें अक्टूबर 2021 से जनवरी 2023 के बीच 'एक्यूट मायोकार्डियल इन्फार्क्शन' (एएमआई) के साथ भर्ती किया गया था। एएमआई तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कम या पूरी तरह से रुक जाता है।


अन्य कारणों का प्रभाव

इस अध्ययन में उन मरीजों को भी शामिल किया गया था जिन्हें अन्य कारणों से अस्पताल में भर्ती किया गया था। नड्डा ने बताया कि एएमआई के मामलों में पहले से किसी रोग का होना, रक्त के थक्के जमने का पारिवारिक इतिहास और धूम्रपान करने की आदत शामिल थी। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 टीकाकरण का एएमआई के जोखिम पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।