कोल्हापुर में हाथी माधुरी के लिए प्रदर्शन, जियो का बहिष्कार
कोल्हापुर में हाथी माधुरी के स्थानांतरण के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। जैन मठ में 34 वर्षों से रह रही माधुरी को वंतारा भेजा गया है, जिसके कारण जियो सेवा का बहिष्कार किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि माधुरी की पूजा की जाती थी और अब उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई जा रही है। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
Aug 6, 2025, 19:07 IST
कोल्हापुर में हाथी माधुरी का मामला
कहा जाता है कि जानवरों की अपनी आवाज नहीं होती, लेकिन वे अपने भावों से बहुत कुछ कह जाते हैं। हाल ही में, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक हाथी को लेकर लोगों में काफी हलचल मची हुई है। यहां के निवासियों ने जियो सेवा का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है और अपने मोबाइल नंबरों को अन्य कंपनियों में पोर्ट कराने लगे हैं। नंदिनी गांव के लोग सड़कों पर उतरकर जियो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इस सबका कारण क्या है? यह सब 36 वर्षीय हाथी माधुरी के कारण हो रहा है, जिसे कोल्हापुर से वंतारा स्थानांतरित किया गया है।
माधुरी का स्थानांतरण और लोगों की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र में अंबानी परिवार के खिलाफ एक नई मुहिम चल रही है, खासकर कोल्हापुर में। माधुरी, जिसे महादेवी भी कहा जाता है, पिछले 34 वर्षों से जैन मठ के आश्रम में रह रही थी। हाल ही में किसी ने देखा कि उसे बेड़ियों में जकड़ा गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि वह कष्ट में है। इस पर शिकायत दर्ज की गई, जो पेटा और कोर्ट तक पहुंची। कोर्ट ने मामले को स्वीकार किया और सुनवाई शुरू की। अंततः, कोर्ट ने आदेश दिया कि हाथी का रेस्क्यू किया जाएगा।
हाथी का रेस्क्यू और स्थानांतरण
कोर्ट के आदेश के बाद, वन्य जीव पुनर्वास केंद्र वंतारा में माधुरी को भेजा गया। पेटा ने उसका रेस्क्यू किया और उसे वंतारा भेजा गया, क्योंकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर थी। कोल्हापुर के लोग इस निर्णय से नाराज हैं, क्योंकि माधुरी को जैन मठ में पूजा जाता था। पिछले एक सप्ताह से, लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और 45 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा भी की गई है।
जैन मठ की परंपरा और जियो का बहिष्कार
जैन मठ में हाथियों को पालने की परंपरा 700 वर्षों पुरानी है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। वंतारा के खिलाफ लोगों ने जियो का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने जियो नंबर को दूसरी कंपनियों में पोर्ट करवा लिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फरवरी 2024 में अपने वनतारा प्रोग्राम की शुरुआत करने की योजना बनाई है, जो वैश्विक संरक्षण प्रयासों में अग्रणी बनना चाहता है।