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कैदियों के आखिरी भोजन की परंपरा पर ब्रूअर के विवाद ने लगाया ब्रेक

अमेरिका की जेलों में कैदियों को फांसी से पहले अपनी पसंद का आखिरी भोजन ऑर्डर करने का अधिकार था। लेकिन लॉरेंस रसेल ब्रूअर की विवादास्पद मांग ने इस परंपरा को समाप्त कर दिया। जानें कैसे उसकी अनोखी डिमांड ने जेल प्रशासन को नियम बदलने पर मजबूर किया।
 

अंतिम भोजन की अनोखी कहानी


अपराधियों को फांसी पर लटकाने से पहले उनकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है, जिसमें वे किसी से मिलना, किसी को देखना या अपने पसंदीदा भोजन का स्वाद लेना चाहते हैं। अमेरिका की जेलों में कैदियों को फांसी से एक रात पहले अपनी पसंद का आखिरी खाना ऑर्डर करने का अधिकार दिया जाता था। लेकिन एक कैदी की अजीब मांग ने इस परंपरा को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।


यह घटना 21 सितंबर 2011 की है, जब 44 वर्षीय लॉरेंस रसेल ब्रूअर को हत्या के आरोप में मौत की सजा दी गई। ब्रूअर को अपनी पसंद का आखिरी भोजन मांगने की अनुमति दी गई, लेकिन उसकी लंबी सूची ने सभी को चौंका दिया। उसने ट्रिपल मीट बेकन चीज़बर्गर, मीट लवर्स पिज्जा, बीफ और सब्जियों से भरा चीज़ ऑमलेट, तीन फजीता, दो चिकन फ्राइड स्टेक्स ग्रेवी और प्याज के साथ, एक बड़ा बाउल ओकरा और केचप, एक पाउंड बारबेक्यू मीट, आधी रोटी, पीनट बटर फज विद क्रश्ड पीनट्स, एक पिंट आइसक्रीम और तीन रूट बीयर की मांग की। जेल के किचन स्टाफ ने मेहनत से उसकी पूरी सूची के अनुसार खाना तैयार किया, लेकिन जब खाने का समय आया, तो ब्रूअर ने ठंडे मन से कहा कि उसे भूख नहीं है।


जेल प्रशासन का बड़ा निर्णय


ब्रूअर की इस हरकत से जेल के अधिकारियों में गुस्सा फैल गया। कुछ घंटों के भीतर टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ क्रिमिनल जस्टिस (TDCJ) ने यह निर्णय लिया कि अब से किसी भी कैदी को 'आखिरी भोजन की विशेष डिश' की अनुमति नहीं होगी। सभी कैदियों को एक समान भोजन दिया जाएगा, चाहे वह फांसी से पहले का आखिरी भोजन ही क्यों न हो। टेक्सास के सीनेटर जॉन व्हिटमायर ने कहा कि किसी अपराधी को यह विशेष सुविधा देना गलत है, क्योंकि जिसने हत्या की, उसने अपने शिकार को कोई विकल्प नहीं दिया। इसलिए उसे भी यह विशेषाधिकार नहीं मिलना चाहिए। इसके बाद से टेक्सास में 'लास्ट मील' की परंपरा हमेशा के लिए समाप्त कर दी गई।