कैंसर: जानें इसके लक्षण, जोखिम और उपचार के तरीके
कैंसर की गंभीरता और जागरूकता
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोगों में भय उत्पन्न हो जाता है। हर वर्ष लाखों लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। यदि लोगों को कैंसर के बारे में सही जानकारी हो, तो इन आंकड़ों को कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कैंसर के लक्षणों को समय पर पहचाना जाए, तो इसका इलाज संभव है। लेकिन, अक्सर लोग इसके लक्षणों को तब पहचानते हैं जब यह बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है।
कैंसर के प्रकार और जोखिम
कैंसर शरीर के किसी भी अंग में विकसित हो सकता है, और उम्र के साथ इसका खतरा बढ़ता है। अस्वस्थ खानपान, धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है। यदि कैंसर का सही समय पर पता नहीं लगाया गया, तो व्यक्ति की मृत्यु निश्चित हो जाती है। इसलिए, हमें वैश्विक स्तर पर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लिवर कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, कोलन कैंसर और मुंह का कैंसर सबसे आम प्रकार हैं। इनमें से अधिकांश लोग प्रभावित होते हैं। कुछ कैंसर त्वचा में होते हैं, जबकि अन्य मांसपेशियों में विकसित होते हैं।
कैंसर का खतरा और उपचार
कैंसर को दो श्रेणियों में बांटा गया है: लो ग्रेड और हाई ग्रेड। लो ग्रेड कैंसर धीरे-धीरे फैलता है, जबकि हाई ग्रेड कैंसर तेजी से बढ़ता है और इससे मृत्यु का खतरा अधिक होता है। 50 वर्ष की आयु के बाद कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
यदि कैंसर की पहचान प्रारंभिक चरण में हो जाती है, तो उपचार से मरीज की जान बचाई जा सकती है। यदि कैंसर केवल एक स्थान पर सीमित है, तो सर्जरी द्वारा इसे हटाया जा सकता है। लेकिन यदि यह कई अंगों में फैल गया है, तो कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसे उपचार अपनाए जाते हैं। कैंसर के बाद रोगी को तुरंत विशेषज्ञ के पास जाकर उपचार कराना चाहिए, क्योंकि देरी करने पर मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।