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कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि: स्वास्थ्य संकट की चेतावनी

कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का संकेत है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक कैंसर के मामलों में 61 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह संख्या तीन करोड़ को पार कर जाएगी। 2023 में कैंसर के 1.85 करोड़ नए मामले सामने आए, जिनमें से 1.04 करोड़ लोगों की मृत्यु हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। जानें कैंसर के बढ़ने के पीछे के कारण और इसके संभावित समाधान।
 

कैंसर का बढ़ता संकट

कैंसर की समस्या अब वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी अब केवल कुछ देशों तक सीमित नहीं रह गई है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, 2050 तक कैंसर के मामलों में 61 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह संख्या तीन करोड़ को पार कर जाएगी। आइए जानते हैं कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हो रही है।


कैंसर के मामलों की संख्या

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में कैंसर के 1.85 करोड़ नए मामले सामने आए, जिनमें से 1.04 करोड़ लोगों की मृत्यु हो गई। यह दर्शाता है कि कुल मामलों में से 56% मरीजों को बचाया नहीं जा सका। विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी, जिसमें हर साल 3 करोड़ नए मामले और 1.08 करोड़ मौतें शामिल होंगी। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।


कैंसर के मामलों में वृद्धि का इतिहास

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) की एक अध्ययन में 204 देशों में 47 प्रकार के कैंसर और 44 जोखिम कारकों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1990 तक कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम थे, लेकिन समय के साथ इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। लंग कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर से सबसे अधिक मौतें होती हैं। 2023 तक कैंसर से होने वाली मौतों में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 1.04 करोड़ तक पहुंच गई है।


कैंसर के मामलों में वृद्धि के कारण

कैंसर के मामलों में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण लोगों का बदलता जीवनशैली है, जिसमें देर से सोना, अस्वस्थ आहार, तनाव, धूम्रपान और शराब का सेवन शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं। मोटापा, कम उम्र में डायबिटीज और PCOS भी इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं।