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कैंसर का इलाज: कान्हावाड़ी गांव में जड़ी-बूटियों का चमत्कार

कान्हावाड़ी गांव में वैद्य बाबूलाल कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज जड़ी-बूटियों के माध्यम से करते हैं। यहां हर हफ्ते हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। जानें कैसे ये जड़ी-बूटियाँ काम करती हैं और मरीजों को किस प्रकार का परहेज करना होता है। इस जानकारी को साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें।
 

कैंसर के इलाज के लिए कान्हावाड़ी का महत्व


नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको एक ऐसे वैद्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं। कृपया इस जानकारी को साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें।


हम बात कर रहे हैं बेतुल जिले के कान्हावाड़ी गांव की, जहां कैंसर का प्रभावी इलाज किया जाता है। वैद्य बाबूलाल का स्थान घोडाडोंगरी से 35 किलोमीटर और कान्हावाड़ी से 3 किलोमीटर दूर है। मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण, मिलने का समय रविवार और मंगलवार सुबह 8 बजे से है, लेकिन आपको पहले से नंबर लगाना पड़ता है।


जड़ी-बूटियों का अद्भुत प्रभाव

बेतुल जिले की पहचान सतपुड़ा के घने जंगलों के लिए है, लेकिन यहां की जड़ी-बूटियां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मददगार साबित हो रही हैं। यहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं।


भगत बाबूलाल, जो कान्हावाड़ी में रहते हैं, पिछले कई वर्षों से जड़ी-बूटियों के माध्यम से कैंसर के मरीजों को राहत प्रदान कर रहे हैं। वे इस नेक कार्य के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेते हैं। मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि हर रविवार और मंगलवार को लंबी कतारें लगती हैं।


इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या

कान्हावाड़ी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एक दिन पहले नंबर लगाना पड़ता है। यहां प्रतिदिन लगभग 1000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, खासकर महाराष्ट्र से।


सुबह से नंबर लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। कई बार भीड़ अधिक होने के कारण मरीजों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां कैंसर के इलाज के लिए आते हैं।


जड़ी-बूटियों के साथ परहेज का महत्व

भगत बाबूलाल द्वारा दी गई जड़ी-बूटियों का असर तभी होता है जब मरीज कुछ खास परहेज का पालन करते हैं। मांस, शराब और कुछ सब्जियों का सेवन प्रतिबंधित होता है।


जिन लोगों ने नियमों का पालन किया है, उन्हें काफी हद तक राहत मिली है। भगत बाबूलाल नाड़ी पकड़कर ही मरीजों की बीमारी का पता लगा लेते हैं और उनका इलाज करते हैं।


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वीडियो जानकारी

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