×

केशव प्रसाद मौर्य की पार्टी में नई भूमिका की अटकलें तेज़

गोंडा में केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, जिससे उनकी संभावित पदोन्नति की अटकलें तेज़ हो गई हैं। 2017 में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मौर्य, 2022 में सिराथू में हार के बावजूद उप-मुख्यमंत्री बने रहे। अब, 2024 में भाजपा की चुनौतियों के बीच, उनकी अगली भूमिका पर चर्चा हो रही है। क्या मौर्य पार्टी के नए अध्यक्ष बनेंगे? जानिए पूरी कहानी।
 

पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात

गोंडा में नियमित दौरे पर आए केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उन्होंने अपने दौरे के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और संगठनात्मक पदाधिकारियों से मुलाकात की। उनका उद्देश्य पार्टी के मुद्दों, चुनौतियों और समस्याओं को बेहतर तरीके से समझना था। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के इस बयान को उनके राज्य पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावनाओं के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव काफी समय से लंबित है, और चर्चा है कि यह नियुक्ति नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के बाद की जाएगी।


मौर्य का संगठनात्मक अनुभव

मौर्य के लिए संगठनात्मक पद कोई नई बात नहीं है। वे पहले भी राज्य में पार्टी के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रह चुके हैं। 2017 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में शानदार जीत हासिल की थी। उस समय वे राज्य इकाई के अध्यक्ष थे, और उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और ओबीसी चेहरे के रूप में लोकप्रियता का इस जीत में महत्वपूर्ण योगदान था। हालांकि, उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, बल्कि उप-मुख्यमंत्री का पद मिला।


2022 विधानसभा चुनाव की चुनौतियाँ

2022 के विधानसभा चुनाव में, मौर्य ने अपने गृह ज़िले कौशांबी की पारंपरिक सीट सिराथू में हार का सामना किया। इसके बावजूद, उन्हें उप-मुख्यमंत्री के पद पर बनाए रखा गया। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उनकी स्थिति पर कई बार तंज कसा। 2024 में भाजपा को उत्तर प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा, जबकि मीडिया ने भगवा जीत की भविष्यवाणी की थी। मौर्य ने कहा कि वे पार्टी नेतृत्व की नजरों से ओझल रहने वाले आम कार्यकर्ताओं के दर्द को समझते हैं। हाल के दिनों में, मौर्य के अगले पार्टी अध्यक्ष बनने की अटकलें तेज़ हो गई हैं।