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केरल विधानसभा में सबरीमाला सोने के विवाद ने मचाई हलचल

केरल विधानसभा में सबरीमाला मंदिर के सोने के विवाद ने एक बार फिर से राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कार्यवाही को बाधित करते हुए आरोप लगाया कि द्वारपालक की मूर्तियों पर चढ़ाया गया सोना हल्का था। इस विवाद ने विधानसभा में तनाव बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं और मुख्य मार्शल को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। विपक्ष ने कई मांगें की हैं, जिसमें मंत्री का इस्तीफा भी शामिल है।
 

केरल विधानसभा में हंगामा

गुरुवार को सबरीमाला में स्वर्ण-पत्तर चढ़ाने के विवाद ने केरल विधानसभा में एक बार फिर हलचल मचा दी। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने भगवान अयप्पा मंदिर में द्वारपालक की मूर्तियों पर स्वर्ण-पत्तर चढ़ाने में कथित अनियमितताओं के चलते कार्यवाही को बाधित किया। यह विवाद इस दावे के इर्द-गिर्द घूमता है कि द्वारपालक की मूर्तियों पर चढ़ाया गया सोना पहले की तुलना में हल्का था। यह मुद्दा केरल उच्च न्यायालय की कार्यवाही के दौरान सामने आया, जब बिना अदालत की जानकारी के सोने की परत चढ़ाने का एक नया दौर शुरू किया गया था। इस हंगामे के कारण अध्यक्ष एएन शमसीर को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी, जिसके बाद यूडीएफ ने कार्यवाही का बहिष्कार किया।


विपक्ष का विरोध और तनाव

विपक्षी विधायकों और विधानसभा के निगरानी कर्मियों के बीच झड़प के बाद तनाव बढ़ गया, जिससे मुख्य मार्शल को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि चीफ मार्शल को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री जो कुछ भी कहते हैं, उस पर कोई आपत्ति नहीं होती, लेकिन जब वह बोलते हैं तो उन्हें बीच में ही टोक दिया जाता है। विपक्ष ने मूल मूर्तियों को भारी रकम में बेचने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और देवस्वओम मंत्री वीएन वासवन के इस्तीफे और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड को भंग करने की मांग की।


विपक्ष की चेतावनी

सतीशन ने चेतावनी दी कि उनका विरोध जारी रहेगा। यूडीएफ सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास एक बैनर दिखाया जिसमें लिखा था 'सोना तांबे में बदल गया' और सत्तारूढ़ मोर्चे के खिलाफ नारे लगाए। संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश ने विपक्ष की कार्रवाई की निंदा की और सतीशन पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सतीशन का यह बयान दर्शाता है कि वह यूडीएफ विधायकों द्वारा की गई हिंसा को उचित ठहरा रहे हैं।