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केरल में ओबीसी आरक्षण पर विवाद: मुस्लिम और ईसाई समुदायों को लाभ पहुंचाने का आरोप

केरल में ओबीसी आरक्षण के अधिकारों पर एक समीक्षा बैठक में यह आरोप लगाया गया है कि कुछ जातियों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है, जिससे मूल ओबीसी समुदायों के अधिकारों का हनन हो रहा है। आयोग ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से साक्ष्य मांगे हैं। बैठक में यह भी स्पष्ट हुआ कि ओबीसी आरक्षण के मानदंडों का उल्लंघन किया गया है। इस गंभीर मुद्दे पर आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338बी के तहत समीक्षा बैठक का आयोजन किया है।
 

ओबीसी आरक्षण की समीक्षा बैठक


केरल में ओबीसी आरक्षण के अधिकारों की समीक्षा के लिए 9 सितंबर, 2025 को एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यह पाया गया कि कुछ जातियों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है, जिसमें 10 प्रतिशत मुसलमानों और 6 प्रतिशत ईसाइयों के लिए आरक्षण शामिल है। इस प्रकार, राजनीतिक लाभ के लिए मूल ओबीसी समुदायों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।


आयोग ने धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करने की मांग की, लेकिन राज्य सरकार के सचिव और उनके अधिकारी इस मामले में कोई ठोस साक्ष्य नहीं दे सके। आयोग ने इस प्रकार की आरक्षण नीति को अनुचित मानते हुए निर्देश दिया कि मूल ओबीसी के अधिकारों के अनुसार जातियों को सही तरीके से जोड़ा जाए।


आयोग की नाराजगी

राज्य सरकार की नीति के अनुसार, ओबीसी को सामान्य और उच्च शिक्षा, भर्ती और मेडिकल शिक्षा में विभिन्न प्रतिशत दिए गए हैं। हालांकि, केरल सरकार की भर्ती में आरक्षण का प्रतिशत 27 प्रतिशत से कम प्रतीत होता है। आयोग ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए केरल सरकार की आरक्षण नीति, आरक्षण के आधार, नौकरियों और उच्च शिक्षा के लिए आरक्षण की पूरी सूची की मांग की।


समीक्षा बैठक का उद्देश्य

केरल राज्य सरकार के अधिकारियों ने 26 सितंबर, 2025 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के दिल्ली कार्यालय में आरक्षण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनमें स्पष्टता की कमी थी। आयोग का मानना है कि ओबीसी आरक्षण के निर्माण के लिए निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया है।


यह स्पष्ट है कि मूल ओबीसी वर्ग के आरक्षण का हिस्सा मुसलमानों और ईसाइयों को दे दिया गया है। इस गंभीर मुद्दे पर ओबीसी जातियों को मिलने वाले संवैधानिक आरक्षण और अन्य लाभों को सुरक्षित रखने के लिए आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338बी के तहत समीक्षा बैठक का आयोजन किया।