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केरल के मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर लगाया गुमराह करने का आरोप

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को विपक्ष पर सबरीमला स्वर्ण-प्लेट विवाद में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसे प्रयासों से डरती नहीं है और विपक्ष तथ्यों से भयभीत है। सदन में हंगामे के बीच, यूडीएफ सदस्य मंत्री वी. एन. वासवन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विजयन ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने कभी भी गलत काम करने वालों को संरक्षण नहीं दिया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
 

मुख्यमंत्री का बयान

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक-फ्रंट (यूडीएफ) के नेतृत्व वाला विपक्ष सबरीमला स्वर्ण-प्लेट विवाद में जनता को गुमराह कर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ऐसे प्रयासों से भयभीत नहीं है।


विपक्ष की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला मोर्चा तथ्यों से भयभीत है, इसलिए वे विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस देने से बच रहे हैं।


सदन में हंगामा

प्रश्नकाल के दौरान, यूडीएफ विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच अध्यक्ष के आसन के पास हाथापाई हुई, जिसके कारण सत्र को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद विधानसभा में अपनी बात रखी।


विपक्ष की मांग

विपक्षी विधायकों और सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। यूडीएफ सदस्य सोमवार से सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं और सबरीमला मंदिर में 'द्वारपालक' मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने में कथित अनियमितताओं के लिए देवस्वोम मंत्री वी. एन. वासवन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री का आश्वासन

विजयन ने कहा कि उनकी सरकार ने कभी भी गलत काम करने वालों को संरक्षण नहीं दिया है और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा, 'विपक्ष गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकार ऐसी कोशिशों से नहीं डरती।' उन्होंने यह भी कहा कि वह तथ्यों को प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं और विपक्ष इस मुद्दे को सदन में नहीं उठाना चाहता क्योंकि वे तथ्यों और चर्चाओं से भयभीत हैं।