×

केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी: बचाव के लिए तीन महत्वपूर्ण विकल्प

केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख 16 जुलाई निर्धारित की गई है। उनके परिवार को उम्मीद है कि कोई चमत्कार हो सकता है। भारतीय सरकार की संभावित भूमिका और शरिया कानून के तहत 'दियात' विकल्प जैसे बचाव के उपायों पर चर्चा की जा रही है। क्या निमिषा प्रिया को फांसी से बचाया जा सकेगा? जानें इस जटिल मामले के बारे में अधिक जानकारी।
 

निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख

निमिषा प्रिया की फांसी की प्रक्रिया 16 जुलाई को होने की संभावना है। यमन में दोषी ठहराई गई केरल की नर्स के परिवार को अब भी उम्मीद है कि कोई चमत्कार हो सकता है। उन्हें एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मृत्युदंड का सामना करना पड़ रहा है।


भारतीय सरकार की संभावित भूमिका

विदेश मंत्रालय (MEA) अपने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से यमनी अधिकारियों, विशेषकर सना में हौथी-नियंत्रित प्रशासन के साथ बातचीत कर सकता है। हालांकि भारत के पास हौथियों के साथ औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं, लेकिन वह मध्यस्थों का उपयोग कर सकता है। भारत का यमन में कोई दूतावास नहीं है, जिससे सीधी कूटनीतिक हस्तक्षेप में कठिनाई होती है।


शरिया कानून के तहत 'दियात' विकल्प

'दियात' का विकल्प भी एक आशा की किरण है। यह इस्लामी कानून में वित्तीय मुआवजे का एक रूप है, जो हत्या या शारीरिक क्षति के मामलों में पीड़ित के परिवार को दिया जाता है। यदि निमिषा का परिवार पीड़ित के परिवार के साथ मुआवजे पर सफलतापूर्वक बातचीत कर सके, तो यह उसे फांसी से बचा सकता है।


निमिषा की कहानी

निमिषा प्रिया ने 2008 में अपने परिवार का समर्थन करने के लिए यमन में कदम रखा और 2015 में यमनी नागरिक तालाल अब्दो मेहदी के साथ एक क्लिनिक खोला। उनके पेशेवर संबंध में गिरावट आई, जिसके बाद निमिषा ने मेहदी पर क्लिनिक के फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। 2017 में, जब उसने अपने दस्तावेज़ वापस पाने की कोशिश की, तो उसने मेहदी को बेहोश कर दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।