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केरल उच्च न्यायालय ने सोने की हेराफेरी मामले में पुलिस को जांच का आदेश दिया

केरल उच्च न्यायालय ने एक मंदिर के साइड फ्रेम से जुड़ी सोने की हेराफेरी के मामले में राज्य पुलिस को जांच शुरू करने का आदेश दिया है। अदालत ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को भी निर्देश दिया है कि वह मामले की जांच करे और रिपोर्ट पेश करे। इस मामले में 474.9 ग्राम सोने की विसंगति सामने आई है, जिसे दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्देशों के बारे में।
 

केरल उच्च न्यायालय का आदेश

केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को एक मंदिर के साइड फ्रेम या लिंटल से जुड़ी कथित "सोने की हेराफेरी" के मामले में आपराधिक मामला दर्ज करने और जांच आरंभ करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी और न्यायमूर्ति के वी जयकुमार की खंडपीठ ने यह आदेश तब जारी किया जब जांच में यह सामने आया कि साइड फ्रेम या लिंटल से प्राप्त सोने का दुरुपयोग किया गया था। अदालत ने बताया कि सतर्कता रिपोर्ट में लगभग 474.9 ग्राम सोने से संबंधित एक महत्वपूर्ण विसंगति का पता चला है, जिसे सोने की परत चढ़ाने वाले प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया था। हालांकि, रिकॉर्ड से यह स्पष्ट नहीं है कि यह सोना कभी त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) को सौंपा गया था।


विशेष जांच दल का गठन

पीठ ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को निर्देश दिया कि वह इस मामले के पहलू और जांच के दौरान सामने आई अन्य अनियमितताओं की भी जांच करे। इसके अलावा, पीठ ने आदेश दिया कि सतर्कता रिपोर्ट टीडीबी को सौंपी जाए, जिसे राज्य पुलिस प्रमुख को भेजा जाएगा। राज्य पुलिस प्रमुख को एडीजीपी (अपराध शाखा एवं कानून व्यवस्था) एच. वेंकटेश को मामला दर्ज कर जांच आरंभ करने का निर्देश दिया गया है। 9 अक्टूबर के सरकारी आदेश के अनुसार, एडीजीपी वेंकटेश, एसआईटी के प्रमुख हैं और उन्हें अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए एक व्यापक, निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है।


एसआईटी की रिपोर्ट

एसआईटी को छह हफ्तों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने और हर दो हफ्ते में अदालत को स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि एसआईटी को अदालत के प्रति सीधे जवाबदेह रहना होगा और जांच पूरी होने तक जनता या मीडिया को जांच के किसी भी विवरण को साझा करने से बचना होगा।