केरल उच्च न्यायालय ने न्यायिक आदेशों के लिए एआई उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया
केरल उच्च न्यायालय का निर्णय
केरल उच्च न्यायालय ने रविवार को न्यायालयों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों का उपयोग करके आदेश जारी करने से रोक दिया है। इस संदर्भ में न्यायिक अधिकारियों और अन्य संबंधित पक्षों को विशेष निर्देश भी जारी किए गए हैं।
एआई उपकरणों का उपयोग
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि क्लाउड-आधारित एआई उपकरण, जैसे कि ChatGPT, का उपयोग आदेश जारी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, और यदि इन निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि एआई का उपयोग निर्णय या आदेश देने या किसी निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
सावधानी और प्रशिक्षण
उच्च न्यायालय ने एआई उपकरणों के उपयोग में संभावित गलतियों को देखते हुए सावधानी बरतने पर जोर दिया है। इसके लिए उचित प्रशिक्षण लेना आवश्यक है, जो न्यायिक अकादमी या उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
अनुमोदित उपकरणों का उपयोग
यदि एआई उपकरणों का उपयोग किया जाता है, तो उन्हें केवल अनुमोदित उपकरण होना चाहिए और हर चरण पर निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा, यदि अनुमोदित एआई उपकरणों में कोई खराबी या समस्या पाई जाती है, तो उच्च न्यायालय के आईटी विभाग को सूचित करना अनिवार्य है।
पिछला निर्णय
यह पहली बार है जब किसी उच्च न्यायालय ने ऐसा आदेश जारी किया है। इससे पहले, 16 जुलाई को, केरल उच्च न्यायालय ने राज्य परिवहन आयुक्त द्वारा लागू किए गए ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षा सुधारों को रद्द कर दिया था। यह निर्णय ड्राइविंग स्कूलों द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया था, जिसमें नए नियमों को असंगत, एकतरफा और वाहनों को प्रतिबंधित करने वाला बताया गया था।
सरकार का विकल्प
केरल सरकार इस निर्णय के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील कर सकती है। ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षा सुधार में प्रतिदिन 30 परीक्षाओं की संख्या बढ़ाना और 'एच टेस्ट' के स्थान पर एक नया ट्रैक बनाना शामिल था। इसके अलावा, 15 वर्ष से पुराने वाहनों और दोपहिया लाइसेंस परीक्षा में फुट गियर वाले वाहनों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया था। इसके साथ ही, कार लाइसेंस परीक्षा के लिए स्वचालित वाहनों और इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग भी प्रतिबंधित किया गया था।