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केंद्रीय वित्त मंत्री ने करूर में भगदड़ के पीड़ितों से की मुलाकात

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करूर में हुई दुखद भगदड़ के बाद प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस घटना में 41 लोगों की जान गई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश भी पहुँचाया और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। सीतारमण ने सार्वजनिक समारोहों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जानें इस घटना के बारे में और क्या कहा वित्त मंत्री ने।
 

करूर में दुखद घटना पर वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को तमिलनाडु के करूर का दौरा किया, जहां उन्होंने शनिवार को टीवीके प्रमुख विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस घटना में 41 लोगों की जान गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें और केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन को व्यक्तिगत रूप से फोन किया और पीड़ित परिवारों से मिलने तथा घायलों का हाल जानने के लिए कहा। सीतारमण ने कहा कि भगदड़ में कई लोग, पुरुष और महिलाएँ, गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हम कुछ मृतकों के परिवारों से भी मिले। उनकी कहानियाँ सुनकर मेरा दिल टूट गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूँ।


घायलों की स्थिति और सरकारी प्रतिक्रिया

सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि करूर की घटना अत्यंत दुखद है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री ने मुझे और डॉ. मुरुगन को फोन किया और हमें उन सभी परिवारों से मिलने की सलाह दी, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मुरुगन के साथ, उन्होंने जिला कलेक्टर के साथ भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया और पीड़ितों के कई परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं न तो उनसे बात कर पाई और न ही उन्हें सांत्वना दे पाई। उनमें से अधिकांश गरीब परिवारों से हैं। मैं उनके दर्द को महसूस कर सकती थी। उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री का शोक संदेश शोक संतप्त और घायलों तक पहुँचाया। 


सार्वजनिक समारोहों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की आवश्यकता

सीतारमण ने सार्वजनिक समारोहों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "सार्वजनिक मामलों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ निर्धारित करने का कोई भी समय बुरा नहीं होता, खासकर जहाँ लोगों की भारी भीड़ होगी। शायद, हम बहुत देर कर चुके हैं। सिर्फ़ एक राज्य में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में, हमारे पास सार्वजनिक समारोहों के प्रबंधन का एक बेहतर तरीका होना चाहिए।"