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केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने एसआईआर पर चर्चा से किया इनकार, विपक्ष का विरोध जारी

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सरकार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा नहीं कर सकती, क्योंकि यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है। इस पर विपक्ष ने विरोध किया, आरोप लगाते हुए कि यह विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को वंचित करने का प्रयास है। रिजिजू ने कहा कि यह चुनाव आयोग का कार्यक्षेत्र है और संसद में इस पर चर्चा का निर्णय अध्यक्ष को लेना है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है, जिससे संसद का मानसून सत्र बाधित हो गया है।
 

सरकार की स्थिति स्पष्ट

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को बताया कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा नहीं की जा सकती। यह प्रक्रिया भारत के चुनाव आयोग द्वारा संचालित होती है। रिजिजू ने कहा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार नियमों के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती। यह पहली बार नहीं हो रहा है।"


विपक्ष का विरोध

मानसून सत्र का एक और दिन विपक्ष की मांग के कारण बिना किसी कार्यवाही के बीत गया, जिसमें उन्होंने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग की। रिजिजू ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों को लेना है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार विपक्ष के आगे झुकने की संभावना नहीं दिखा रही है।


चुनाव आयोग की भूमिका

रिजिजू ने कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग के कार्यक्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ऐसा कर रहा है।" उन्होंने यह भी बताया कि संसद चुनाव आयोग के प्रशासनिक कार्यों पर चर्चा कर सकती है या नहीं, यह अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर करता है।


बिहार में स्थिति

बिहार में मतदाता सूचियों के एसआईआर के खिलाफ विपक्ष के विरोध के कारण संसद का मानसून सत्र बाधित रहा। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने के लिए है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया राजनीति से प्रेरित हो सकती है, जिसमें हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।


कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर बिहार की मतदाता सूचियों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। सरकार ने एसआईआर प्रक्रिया का बचाव करते हुए कहा है कि यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है जिसमें सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी है। भारत निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि उचित सूचना और लिखित आदेश के बिना नाम नहीं हटाए जाएंगे।


विपक्ष की कार्रवाई

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य सांसदों ने एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव और नियम 267 नोटिस प्रस्तुत किए हैं। विपक्ष की नारेबाजी के कारण लोकसभा और राज्यसभा कई बार स्थगित की गई। इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर का मुद्दा उठाया।