केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अजमेर दरगाह पर चढ़ाई पीएम मोदी की चादर
अजमेर में चादर चढ़ाने का परंपरागत अवसर
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई चादर लेकर अजमेर शरीफ की दरगाह का दौरा किया। अजमेर में चल रहे विवाद के बीच, उन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई। रिजिजू ने कहा कि उर्स के दौरान गरीब नवाज की दरगाह पर जाना हमारे देश की एक पुरानी परंपरा है।
भाईचारे का संदेश
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस बार उर्स के अवसर पर चादर चढ़ाने का अवसर उन्हें मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संदेश भाईचारा है और यह कि पूरा देश एकजुट होकर मिलकर रह सकता है। रिजिजू ने कहा कि वे इस संदेश के साथ अजमेर दरगाह पहुंचे हैं।
निजामुद्दीन दरगाह का दौरा
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने निजामुद्दीन दरगाह में भी चादर चढ़ाई और वहां दुआ मांगी। रिजिजू ने कहा कि इस शुभ अवसर पर हम सभी चाहते हैं कि देश में एक अच्छा माहौल बने और कोई ऐसा कार्य न हो जिससे सौहार्द में बाधा आए।
अजमेर विवाद पर प्रतिक्रिया
अजमेर दरगाह के विवाद पर किरेन रिजिजू ने कहा कि वे किसी को जवाब देने या दिखाने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि उनका उद्देश्य यह है कि देश में सभी लोग अच्छे से रहें।
गरीब नवाज का दरवाजा सबके लिए खुला
उन्होंने कहा कि गरीब नवाज के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान, बौद्ध, ईसाई, सिख, पारसी या जैन। नरेंद्र मोदी ने उन्हें पूरे देश की ओर से भेजा है और वे यहां प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ेंगे।
महिलाओं और बुजुर्गों की सुविधा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बारे में पूरी दुनिया जानती है और लाखों लोग यहां आते हैं। हालांकि, यहां आने में विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों को कठिनाई होती है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय इस संबंध में कुछ नया लॉन्च करेगा।
विवाद का कारण
हाल ही में हिंदू सेना ने अदालत में याचिका दायर की थी कि पीएम मोदी की भेजी चादर अजमेर शरीफ दरगाह पर न चढ़ाई जाए। याचिका में कहा गया कि इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी को होनी है। हिंदू सेना ने पहले कोर्ट में दावा किया था कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर की जगह पर स्थित है।